आगरा: SN मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित 28 मरीजों की 48 घंटे के अंदर मौत

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 11:22 AM (IST)

आगरा: उत्तर प्रदेश में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित 28 मरीजों की भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर ही मौत होने का मामला सामने आया है। वहीं इस चौंकाने वाली खबर से प्रशासन से लेकर शासन तक हड़कंप मचा गया है। खुद योगी सरकार की एक ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में मृतकों के परिवार के बयान भी दर्ज हैं, जिसके बाद सरकार ने इसकी विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

आगरा प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना प्रभावित
बता दें कि प्रदेश में ताजनगरी आगरा कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिला बन चुका है। यहां अब तक कुल 75 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है, जो कि यूपी में सबसे अधिक है। यूपी की योगी सरकार की ओर से आगरा में कोरोना नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए पावर सेक्रेटरी एम देवराज की रिपोर्ट में इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है। सरकार के 2 सदस्यीय पैनल ने कुल 75 मौतों पर अस्पताल और जिले के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

सरकार ने मृतक मरीजों की मांगी पूरी डिटेल्स
सरकार ने स्वास्थ्य विभाग से उन 28 मरीजों की जानकारी मांगी है, जिनकी भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर ही मौत हो गई। इन मरीजों को अलग-अलग तारीखों पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग से इन मरीजों के भर्ती होने से लेकर इन्हें हुई बीमारियों, इलाज के दौरान दी गई दवाओं और मौत के कारणों पर डिटेल्स मांगी है। इसके साथ ही इनका इलाज करने वाले डॉक्टरों का नाम भी विभाग से मांगा है।

औसतन हर 48 घंटे में 3 कोरोना मरीजों की गई जान: DM
वहीं इस मामले पर आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि कोरोना के कारण जिले में कुल 28 मरीजों की मौत हुई है, जिसकी जांच कराई जाएगी। इसकी रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेजा जाएगा। आंकड़ों की बात करें तो आगरा में 20 दिनों के भीतर कुल 32 कोरोना मरीजों की जान गई है। औसत देखें तो हर 48 घंटे में तीन कोरोना मरीजों की जान जा रही है।

कोरोना के अलावा मरीजों मे थी गंभीर बीमारियां: CMO
आगरा के सीएमओ आरसी पांडेय का कहना है कि जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमे से कई ऐसे थे, जिन्हें गंभीर हालत में और देरी से अस्पताल लाया गया। उन्होंने बताया कि अधिकतम कोरोना मरीजों में से 85 फीसदी मरीज 50 साल से ऊपर की उम्र के थे। इसके अलावा इन्हें डायबिटीज, हृदय रोग और किडनी की समस्या भी थी। अस्पताल में चिकित्सक मरीजों की देखभाल के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। 

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Umakant yadav