Agra News: बाढ़ में डूबा गगनकी गांव, मुसीबत में फंसी 350 जिंदगियां....ग्रामीणों ने किया पलायन

punjabkesari.in Thursday, Jul 20, 2023 - 12:47 PM (IST)

(मान मल्होत्रा) Agra News: उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में आई भयंकर बाढ़ की चपेट में आने से पिढ़ौरा क्षेत्र के 20 गांव प्रभावित है। इनमें से गगनकी, काकर, मधुआ पुरा गांव बाढ़ में डूब गए हैं। इन तीनों गांव के दर्जनभर मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिसके चलते ग्रामीण सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर गए हैं। वही प्रशासनिक मदद न पहुंचने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को  यमुना नदी में आई भयंकर बाढ़ के पिढ़ौरा क्षेत्र का गगन की गांव डूब गया। गगनकी गांव में करीब 350 की आबादी है और 50 कच्चे पक्के मकान बने हुए हैं। जिसमें से करीब एक दर्जन मकान डूब चुके हैऔर बाढ़ के पानी के चलते मकानों में दरारें आ गई हैं।

बाढ़ में इन ग्रामीणों के डूबे मकान
गगनकी गांव निवासी कालीचरन,राम खिलाड़ी,हरीश चंद्र, रामप्रकाश,जनक सिंह, रोहतांग, रामदास सहित करीब एक दर्जन ग्रामीणों के मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मकानों में बाढ़ का पानी घुसने के चलते  सभी ने अपने -अपने मकान खाली कर दिए और सभी अपने जरूरत के सामान को लेकर ऊंचे टीलों की तरफ से पहुंच गए हैं।

खेतों में भरा बाढ़ का पानी, अधपकी फसलें काट रहे ग्रामीण
गांव गगनकी के ग्रामीण बदन सिंह, कालीचरन ने बताया कि खेत में बाढ़ का पानी भर गया है। कुछ ग्रामीण अपने खेतों में खड़ी बाजरे की अधपकी फसल को काटने में जुट गए हैं। क्योंकि बाढ़ का पानी लगातार तेजी के साथ गांवों और मकानों की तरफ बढ़ रहा है। जिससे मकान व फसलें जलमग्न हो चुकी है।

भूख प्यास से तड़प रहे बच्चे व पशु
ग्रामीण राम खिलाड़ी श्यामो का कहना है पिछले तीन दिन से यमुना नदी तेज उफान पर है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गांव में बने मकानों में पानी भर गया है। जिसके चलते खाना नहीं बन सका है और बच्चे भूख प्यास से तड़प रहे हैं। वहीं सारी फसल व हरा चारा पानी में डूबने के चलते पशु भी भूख प्यास से तड़प रहे। पिछले तीन दिन से पशु भूखे प्यासे बंधे हुए हैं। प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की बच्चों के खाने पीने व पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं की गई है।जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

बाढ़ में डूबे गगन की गांव का हाल-चाल जानने नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि
बाढ़ में डूबे गगनकी गांव के ग्रामीण सुरेश, बदन सिंह, जनक सिंह, राम प्रकाश का आरोप है कि गांव बाढ़ से घिर गया।बाढ़ के चलते गांव के मकान  डूब चुके हैं। लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी गांव में हालचाल लेने तक के लिए नहीं आया है।ग्रामीणों को उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया है।वहीं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

प्रशासन ने नहीं पहुंचाई राहत सामग्री
ग्रामीण राजवीर, रोहतांग का आरोप है कि गगन की गांव बाढ़ में डूब गया है। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी है। कोई भी कर्मचारी व अधिकारी गांव में प्रशासनिक स्तर से खाद्यान्न सामग्री लेकर गांव में नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों में इसको लेकर भी बहुत ही आक्रोश व्याप्त है।

बाढ़ में बह गया भूसा, खेतों में पानी भरने से डूबा हरा चारा
गगन की गांव बाढ़ के चलते डूब गया है। बाढ़ आने के चलते ग्रामीणों के खेतों में पानी भर गया है और बाढ़ के चलते खेत के किनारे कूप में पशुओ के लिए रखा भूसा भी यमुना में आई बाढ़ में बह गया है। हरा चारा जो खेत में था उसमें भी पानी भर गया है। यमुना किनारे की किसानों की जितने भी फसल है वह सब जल मग्न। किसान आसपास गांव से भूसा खरीद कर अपने पशुओं को खिला रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि पशुओं के लिए किसी भी प्रकार का भूसा हरा चारा प्रशासनिक स्तर पर नहीं भेजा गया है।

बाढ़ से बेघर हुए ग्रामीण, प्रशासन ने नहीं लगाए राहत शिविर
बाढ़ में डूबे गगन की गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि यमुना में आई बाढ़ के चलते करीब एक दर्जन मकान डूब चुके हैं और मकानो दरारें आ गई हैं।  इसके वावजूद प्रशासन  द्वारा बेघर हुए ग्रामीणों के लिए राहत शिविर नहीं लगाए गए हैं। ग्रामीणों को मजबूरन बीहड़ में  त्रिपाल तान का खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है और बीहड का किनारा होने के चलते जंगली जानवरों का भी खतरा है।

खाना बनाते समय गिरी दीवार, बाल-बाल बचे परिजन
मंगलवार शाम को कालीचरण की पत्नी श्यामो अपने मकान के पास खाना बना रही थी। तभी बाढ़ के पानी से मकान में सीलन आ गई और मकान की एक दीवार भरभरा कर गिर गई। जिससे बच्चे बाल-बाल बच गए। ग्रामीणों की सूचना पर समाजसेवी विजय सिंह वर्मा गांव पहुंचे और ग्रामीणों से उनका हालचाल जाना। वहीं ग्रामीणों को बाढ़ के चलते हो रही परेशानियों को लेखपाल व एसडीएम तक पहुंचाया। लेकिन सूचना के बाद भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी ग्रामीणों की मदद व हालचाल जाने गांव तक नहीं आया।

Content Editor

Anil Kapoor