छठी की छात्रा बनी ''थानेदारनी''! गाड़ी में निकली गश्त पर, दिए पुलिस को सख्त आदेश – जाम, गंदगी और जनसुनवाई पर दिखाया एक्शन मोड
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 02:12 PM (IST)

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में 6वीं कक्षा की छात्रा सृष्टि यादव को एक दिन के लिए थानेदार बनाया गया। इस दौरान सृष्टि ने पुलिसकर्मियों को साफ-सफाई, ट्रैफिक व्यवस्था और लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर सख्त निर्देश दिए। यह खास पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति 5.0 के तहत नारी सशक्तिकरण के लिए की गई है।
छात्रा बनी एक दिन की थानेदार
आगरा के थाना सिकंदरा के इंस्पेक्टर ने सेंट कॉन्वेंट कॉलेज की 6वीं कक्षा की छात्रा सृष्टि यादव को एक दिन का थानेदार बनाया। थानेदार बनते ही सृष्टि ने सबसे पहले सरकारी गाड़ी से शहर का दौरा किया और शहर की समस्याओं को जाना। इसके बाद थाने में आकर फरियादियों की सुनवाई की और पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करने के आदेश दिए।
पुलिसकर्मियों को साफ-सफाई का सख्त निर्देश
थानेदार सृष्टि यादव ने थाने का निरीक्षण किया और देखा कि कई जगह गंदगी थी। उन्होंने पुलिसकर्मियों को थाने की साफ-सफाई करने और शौचालय समेत सभी जगहों को स्वच्छ रखने का आदेश दिया। साथ ही फरियादियों और स्टाफ की गाड़ियों को व्यवस्थित रूप से खड़ा करने को कहा। उन्होंने थाने के सभी रजिस्टर भी चेक किए।
जनसुनवाई में सुनीं फरियादियों की समस्याएं
सृष्टि ने थाने में आने वाले फरियादियों की समस्याएं भी सुनीं। इनमें चोरी, घरेलू हिंसा, झगड़ा और कब्जे के मामले थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को इन मामलों को जल्द निपटाने के आदेश दिए। खासतौर पर घरेलू हिंसा के मामलों में सृष्टि ने फौरन कार्रवाई की मांग की और क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाने का भी निर्देश दिया।
मिशन शक्ति 5.0 के तहत नारी सशक्तिकरण
आगरा पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पूरे जिले के थानों में होनहार बालिकाओं को एक दिन के लिए थानेदार बनाया गया। इस अभियान का मकसद छात्राओं को नेतृत्व और जिम्मेदारी का अनुभव देना, उनका आत्मविश्वास बढ़ाना और उन्हें सशक्त नागरिक बनाना है। इस तरह की पहल से छात्राओं को पुलिस के कामकाज को करीब से समझने का मौका मिला। वहीं इस अभियान से ना केवल छात्राओं को पुलिस की जिम्मेदारियों का एहसास हुआ, बल्कि महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को भी बेहतर तरीके से समझने का अवसर मिला। सृष्टि यादव की यह पहल एक मिसाल बनी है, जिससे अन्य छात्राएं भी प्रेरित होंगी।