बैसाखी के पावन पर्व पर अखिलेश ने देशवासियों को दी बधाई ! जानिए बैसाखी का क्या है इतिहस ?

punjabkesari.in Saturday, Apr 13, 2024 - 01:03 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने  बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सभी को बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।

 

आप को बता दें कि बैसाखी के पर्व की शुरुआत भारत के पंजाब प्रांत से हुई है और इसे रबी की फसल की कटाई शुरू होने की सफलता के रूप में मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा के अलावा उत्तर भारत में भी बैसाखी के पर्व का बहुत महत्व है। इस दिन गेहूं, तिलहन, गन्ने आदि की फसल की कटाई शुरू होती है। संतों की वाणी में प्रमाण मिलता है की सच खंड यानि सतलोक में सदा वसंत जैसा माहौल रहता है तथा सदा बैसाखी रहती है, वहां केवल सुख ही सुख है किसी भी प्रकार का दुख नहीं है।

बैसाखी का अर्थ वैशाख माह का त्यौहार है। यह वैशाख सौर मास का प्रथम दिन होता है। बैसाखी वैशाखी का ही अपभ्रंश है। इस दिन गंगा नदी में स्नान का बहुत महत्व है। हरिद्वार और ऋषिकेश में बैसाखी पर्व पर भारी मेला लगता है। वैसाखी ,गुरू अमर दास द्वारा चुने गए तीन हिंदू त्योहारों में से एक है, जिन्हें सिख समुदाय द्वारा मनाया जाता है।[ प्रत्येक सिख वैसाखी त्योहार, सिख आदेश के जन्म का स्मरण है, जो नौवे गुरु तेग बहादुर के बाद शुरू हुआ और जब उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खड़े होकर इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए इनकार कर दिया था तब बाद में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश के तहत उनका शिरच्छेद कर दिया गया। गुरु की शहीदी ने सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु के राज्याभिषेक और खालसा के संत-सिपाही समूह का गठन किया, दोनों वैसाखी दिन पर शुरू हुए थे।

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Ramkesh