अखिलेश ने ली चुटकी, कहा-बुआ से माफी मांग लें बीजेपी वाले

punjabkesari.in Saturday, Jul 23, 2016 - 02:14 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती के खिलाफ दर्ज मुकदमें में कानून अपना काम करेगा। यादव ने आज यहां संस्कृत विद्वानों,शिक्षकों और वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के बाद पत्रकारों से कहा कि मायावती और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमें में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है। उनके खिलाफ तहरीर मिली तो मुकदमा दर्ज हो गया। तहरीर देने का अधिकार सभी को है।
 
उन्होंने कहा कि मायावती और उनकी पार्टी के नेताओं तथा भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमों में निष्पक्ष कार्रवाई होगी। विवेचना नियमानुसार की जाएगी। मायावती के खिलाफ दर्ज मुकदमें के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दे रहे यादव ने कहा कि दयाशंकर सिंह की टिप्पणी आपत्तिजनक थी उसकी जितनी ङ्क्षनदा की जाये कम है, लेकिन बसपा नेताओं ने 21 जुलाई को प्रदर्शन के दौरान जो नारे लगाये उसे भी सही नहीं ठहराया जा सकता। 
 
गौरतलब है कि गत 19 जुलाई को मऊ में दयाशंकर सिंह ने बसपा अध्यक्ष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी थी। दूसरे दिन मायावती ने इस मामले को जोरदार ढंग से राज्यसभा में उठाया। मायावती ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्र ने भी मायावती का जमकर साथ दिया था। इसके बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में ही दयाशंकर सिंह के बयान पर खेद जता दिया था। भाजपा ने सिंह को पहले प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटाया और बाद में पार्टी से छह वर्षो के लिए निष्कासित कर दिया। 
 
बसपा सचिव मेवालाल गौतम ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। 21 जुलाई को बसपा ने लखनऊ में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी में दयाशंकर सिंह के परिवार को भी लपेट लिया। दयाशंकर सिंह की पत्नी ने इस पर जबरदस्त आपत्ति की और कल उनकी मां तेतरा देवी ने मायावती और उनके सहयोगियों नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल गौतम के खिलाफ हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी यदि इस तरह का प्रदर्शन करती तो मीडिया गुंडा कहने में एक मिनट भी देर नहीं लगाता, लेकिन अब कोई नहीं बोल रहा है। उन्होंने कहा, ‘एक की जबान पलट गयी तो प्रदर्शन शुरु हो गया। अब कम्पटीशन जबान पलटने में हो गयी है। दोनों एक दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं।’
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा से निकलने वाला हर नेता यही कहता है कि उस पार्टी में पैसे लेकर टिकट दिये जाते हैं यदि यह सही नहीं है तो लोग क्यों कहते हैं और ऐसा कहने वालों के खिलाफ मायावती कानूनी कार्रवाई क्यों नही करतीं। यादव ने कहा कि मायावती के बारे में की गयी टिप्पणी सही नहीं थी, लेकिन उसकी प्रतिक्रिया में दूसरे दिन जो लखनऊ में हुआ वह भी नहीं सही है। उन्होंने चुटकी ली कि रक्षाबंधन आ रहा है भाजपा वाले ‘बुआ’ से राखी बंधवा लें, क्षमा मिल जाएगी। राखी बंधवाना भाजपा के लोगों के लिए नई बात नहीं होगी क्योंकि इससे पहले भी ऐसा करवा चुके हैं। अपनी सरकार को पूरी तरह लोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि ‘बुआ’ की सरकार के दौरान अधिकारी बाहर चप्पल उतारकर अन्दर जाते थे। कहीं गलती से वही सरकार फिर आ गयी तो इस बार अधिकारियों तथा अन्य लोगों की दुर्गति ही होगी।