अखिलेश हुए भावुक कहा- पिताजी हमेशा मेरे साथ

punjabkesari.in Saturday, Sep 23, 2017 - 05:37 PM (IST)

लखनऊः समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की चर्चा करते-करते भावुक हो गए। पार्टी के राज्य सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में बोलते-बोलते भावुक हुए अखिलेश यादव ने रुंधेे गले से कहा, नेता जी पहले हमारे पिता हैं। उनका आर्शीवाद सदैव हमारे साथ है,उनके आर्शीवाद से ही हम लोग आगे बढ़ेंगे। साथ ही अखिलेश ने कहा कि उनका आर्शीवाद सदैव हमारे साथ बना रहेगा। नेताजी ने पार्टी ही नहीं समाजवाद को भी आगे बढ़ाया है।

कोई कुछ भी कहे, लेकिन मैं उनका बेटा हूं...
अखिलेश ने रूंधे गले से कहा कि नेताजी को कोई नहीं छोड़ सकता। नेताजी हम सबके हैं कोई कुछ भी कहे लेकिन मैं उनका बेटा हूं और सदा रहूंगा। पिता के रुप में उनका आर्शीवाद हमारे साथ है। वहीं भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सच्चाई से दूर रहने वालों की सरकार बन गई है। उनके मुख्यमंत्री काल में किए गए कार्यो को लेकर श्वेतपत्र जारी किया गया। वह श्वेतपत्र नहीं झूठ पत्र है, अखिलेश ने भाजपा सरकार को विकास विरोधी सरकार बताया और तंज करते हुए कहा कि भाजपा विकास नहीं दिखावा करती है।  

सरकार दुबारा बनती तो बलिया तक एक्सप्रेस वे बनता...
समाजवादी पार्टी के राज्य सम्मेलन में सपा सरकार के दौरान हुए विकास कार्यो की चर्चा करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री काल में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस केवल 23 महीने में बनकर तैयार हो गई थी। एक्सप्रेस वे बनने से  8 घंटे की दूरी महज़ तीन घंटे में पूरी हो रही है।अगर सपा सरकार दुबारा बनी होती तो लखनऊ से बलिया तक पूर्वांचल एक्सप्रेस भी बनकर तैयार हो जाता। 

कर्जमाफी के नाम पर बनाया किसानों को मूर्ख
अखिलेश ने भाजपा के किसान कर्ज माफी योजना पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसानों तक को नहीं बख्श रही। कर्ज के नाम पर किसानों के 1 रूपया तक माफ किए गए हैं। जो किसान 1 लाख रुपये अदा कर सकता है वह 1 रूपए या 100 रुपए क्यों नही अदा कर सकता। कर्जमाफी के नाम पर किसानों को मूर्ख बनाया गया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में मेट्रो का श्रेय भाजपा लेना चाहती है,जबकि पूरा प्रदेश जानता है कि मेट्रो उनकी सरकार ने शुरु करवाया। अब मेट्रो को प्रधानमंत्री का सपना बताया जा रहा है। 

भाजपा का विकास से कोई लेना देना नहीं
सपा अध्यक्ष ने कटाक्ष किया कि लखनऊ मेट्रो को प्रधानमंत्री का सपना बताने वाले लोग वाराणसी में ही मेट्रो चलवा दे। उनका कहना था कि भाजपा का विकास से कोई लेना देना नहीं है। चुनाव के समय ये कोई ऐसा फार्मूला लाएंगे, जिससे वोटों का ध्रुवीकरण हो। भाजपाई तो केवल बोलने का काम करते हैं। 


जीएसटी का पड़ा बुरा प्रभाव
समाजवादी पेंशन बंद करने की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आती तो इसे 2 गुना कर दिया जाता।  नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर(जीएसटी)योजनाओं की उन्होंने आलोचना की और कहा कि इससे न तो भ्रष्टाचार रुका और न ही आतंकवाद। इसकी वजह से नौकरियों और कारोबार पर बुरा प्रभाव पड़ा। इससे आगामी वर्षो में और बुरा प्रभाव पडने वाला है। इसी की वजह से देश की जीडीपी घटी। सरकार की गलत नीतियों की वजह से किसान मजदूर सभी परेशान हैं। 

भाजपा का ग्राफ गिर रहा तेजी से
 पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा की गोरखपुर और फूलपुर सीट पर उप-चुनाव होने है। गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन गए है। बच्चों की सर्वाधिक मृत्यु गोरखपुर और उसके आसपास के इलाकों में हुई है। उन्होने दावा किया कि सपा में दूसरे दलों के कई बड़े नेता शामिल होने की कतार में है। भाजपा का ग्राफ तेजी से गिर रहा है। 

नरेश उत्तम बने दोबारा प्रदेश अध्यक्ष
इससे पहले पार्टी के 8वें राज्य सम्मेलन में नरेश उत्तम को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने उत्तम को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव किया जिसे सर्वसम्मत से पारित कर दिया गया।  सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही। लोगों को कहते सुना गया कि‘बाप-बेटे’में झगडा अभी शांत नहीं हुआ। कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि नेताजी के बगैर पार्टी मजबूत होने का सवाल ही नहीं उठता। 

नेता जी और शिवपाल थे सम्मेलन में गैर-हाजिर
सम्मेलन में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भी नहीं दिखे। शिवपाल सिंह यादव ने एक दिन पहले कहा था कि उन्हें आमंत्रण नहीं मिला है। नेताजी और उन्हें आमंत्रित किया जाता है तो वे सम्मेलन में जाने पर विचार कर सकते हैं।  सम्मेलन में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सखा बेनी प्रसाद वर्मा ,आजम खां,किरणमय नन्दा ,नरेश अग्रवाल आदि मौजूद थे। सम्मेलन में राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पेश किए गए हैं। इन प्रस्तावों को विधानसभा में नेता विपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने पेश किया।