महेंद्र नाथ का तीखा वार, कहा- अखिलेश बताएं क्या है उनका धर्म?

punjabkesari.in Tuesday, Oct 24, 2017 - 09:54 AM (IST)

लखनऊः बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान पर कड़ा एतराज जताया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी धर्म की अफीम साथ लेकर चलती है। उन्होंने अखिलेश से उनका धर्म भी पूछा है।

अखिलेश के राज में जनता नहीं थी खुशहाल
महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि अखिलेश यादव को धर्म के मायने का पता ही नहीं है। यदि उन्हें रंचमात्र भी धर्म के मायने का पता होता तो वह अपने मुख्यमंत्रित्व काल में राजधर्म का पालन अवश्य करते। फिर जनता कुशासन से त्रस्त न रहती, अपराधियों का संरक्षण न होता, प्रदेश भर में अवैध कब्जे न होते, किसान आत्महत्या न करता, गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास प्राप्त हुए होते और प्रदेश की जनता खुशहाल होती।

बीजेपी को सबसे सभी वर्गों की है चिंता
उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म पालन करने वाले लोग यदि भाजपा की पवित्र राजनीति को धर्म की अफीम साथ लेकर चलने की बात करते हैं तो ऐसे लोगों का जनता मखौल उड़ाती है। केंद्र में मोदी सरकार और प्रदेश में योगी सरकार समाज के सभी वर्गों, सभी क्षेत्रों का पूर्णता विकास करने में जुटी हुई है। हमारी सरकारें सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति की भी चिंता करती है। सबका विकास करना और सबको साथ लेकर चलने वाली राजनीति ही भाजपा का धर्म है।

अखिलेश बताएं क्या है उनका धर्म
डॉ. पांडेय ने कहा कि मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि उनका क्या धर्म है? क्या सरकार में रहते मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करना, पिता को अपमानित करना, प्रदेश की 22 करोड़ जनता को, जिसने उन्हें सत्ता पर बिठाया, उसे दिग्भ्रमित करना, अपराधियों को संरक्षण देना राजनीति है? अखिलेश यादव को जवाब देना चाहिए कि क्या स्वच्छ राजनीति करने के यही मानक हैं?

अखिलेश को जनता ने सत्ता से किया बेदखल
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि योगी सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करने के बजाए हिंदुस्तान की संस्कृति-सभ्यता के प्रतीक धर्मस्थलों पर जाने का काम कर रही है। यही अखिलेश यादव और सपा को हजम नहीं हो रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि सपा की इसी प्रकार की राजनीति के चलते प्रदेश की जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया है और यदि वह अभी भी यही करते रहे तो यूपी की राजनीति से सपा का एकदम सफाया हो जाएगा।