बाराबंकी में अखिलेश ने बेनी प्रसाद वर्मा की प्रतिमा का किया अनावरण, कहा- जुबान के पक्‍के थे बाबूजी

punjabkesari.in Saturday, Mar 27, 2021 - 05:33 PM (IST)

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि दी। उन्‍होंने प्रेरणा स्थल पर बेनी प्रसाद वर्मा की प्रत‍िमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद श्रद्धांजलि सभा को संबोधित क‍िया। अखिलेश यादव ने कहा क‍ि बाबू बेनी प्रसाद ने हमेशा नेता जी का साथ द‍िया। वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे। दुख-दर्द क‍िसी भी परेशानी में उन्‍होंने साथ नहीं छोड़ा। बाबू जी हमेशा समाजवादी सोच के साथ रहे। बाबू जी जो एक बार कहते थे वही करते थे। वह अपनी बात से कभी पलटते नहीं थे।

सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को सपने बहुत बड़े-बड़े दिखाएं और कहा कि हम उद्योग लाएंगे नौकरी लाएंगे, लेकिन सरकार के 4 साल पूरे होने वाले हैं न उद्योग दिख रहा है और न ही नौकरी। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने इतनी महंगाई बढ़ा दी है और इस महंगाई से जो मुनाफा हो रहा है वह आखिर जा कहां रहा है। यदि मुनाफा उद्योग पतियों को जा रहा है। तो हमारे किसान भाइयों को इससे क्या लाभ या सरकार बताएं। अखिलेश यादव ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा बड़े अच्छे तरीके से काम कर रही है। बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतना है तो वहां कोरोना नहीं है, लेकिन यहां पंचायत चुनाव में प्रशासन से हस्तक्षेप करवाना है तो यहां कोरोना है।

अखिलेश यादव ने कहा कि आज पुलिस वालों की हत्याएं हो रही है, वह चाहे बुलंदशहर हो या फिर आगरा सब जगह पुलिस कर्मियों की हत्याएं हो रही हैं। अखिलेश यादव ने भाजपा को झूंठा करार देते हुए कहा कि यह सबसे बड़े झूंठे है, जिसे यह अपना सबसे पवित्र गीता की तरह संकल्प पत्र मानते है, उसे झुठला दिया। प्रदेश में युवाओं के रोजगार पर झूंठ बोल रहे हैं। बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश के बड़े नेता की स्मृति मे इतना बड़ा कार्यक्रम किया। भीड़ से स्पष्ट है कि इस सरकार से सभी ऊब चुके है और परिवर्तन चाहते है।

गौरतलब है क‍ि पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अपनी कार्यशैली को लेकर सदैव चर्चा में रहे। वह ताउम्र विकास की पटकथा लिखते रहे। इसी कार्यशैली के चलते उन्होंने जिले के विकास पुरुष की ख्याति अर्जित की। बाराबंकी के दरियाबाद से वर्ष 1974 में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले बेनी बाबू ने गांव से दिल्ली तक की राजनीति में दखल रखा। उन्होंने गांव को ब्लाक व तहसील का दर्जा दिलवाने के साथ ही जिले में सड़कों का जाल बिछाया, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई।

कैसरगंज से चार बार रहे सांसद..
उन्होंने वर्ष 1970 में बुढ़वल चीनी मिल के केन यूनियन के चेयरमैन से अपने सियासी सफर की शुरुआत की। वर्ष 1974 में दरियाबाद से पहली बार विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 1977, 1980 और 1985 में मसौली से विधायक चुने गए। वह कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी यहां से सांसद रहे। केंद्र सरकार में संचार मंत्री और केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे।

दोस्ती के लिए ठुकराई थी सीएम की कुर्सी..
बेनी बाबू ने दोस्ती के लिए सीएम की कुर्सी ठुकरा दी थी। पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष अखिलेश वर्मा बताते हैं कि रालोद के अजीत सि‍ंह, मुलायम सि‍ंह को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं थे। बेनी बाबू का नाम सीएम पद के लिए आगे किया गया। बैठक भी हो गई। लेकिन जब बाबू जी को यह पता चला तो उन्होंने मुलायम सि‍ंह की दोस्ती के कारण सीएम पद को ठुकरा दिया।


 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj