सियासी रण में जीत का शंखनाद: अखिलेश के जिम्‍मे पूर्वांचल, मायावती संभालेंगी पश्चिमी UP!

punjabkesari.in Monday, Jan 14, 2019 - 04:00 PM (IST)

लखनऊः 'राजनीति में कोई किसी का सगा या हमेशा विरोधी नहीं होता' की कहावत को सच करते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति के धुर विरोधी दलों ने ढाई दशक बाद गठबंधन का ऐलान किया है। बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए प्रदेश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों सपा-बसपा ने एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ने की घोषणा की है। गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद अब कौन सी सीट किस दल के खाते में जाएगी, इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।

इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बसपा 17 आरक्षित सीटों के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार सकती है। वहीं सपा पूर्वांचल में साइकिल की रफ्तार काे तेज करेगी। खबरों के मुताबिक बुलंदशहर, आगरा, बिजनौर, मेरठ, सहारनपुर, नगीना, अलीगढ़ जैसी लोकसभा सीटों पर बसपा उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की संभावना है, जबकि इटावा, लखनऊ, मुरादाबाद, गोरखपुर, इलाहाबाद, कानपुर और आजमगढ़ जैसी लोकसभा सीटों पर सपा अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार सकती है।

वहीं बागपत और मथुरा की सीट रालोद के अजीत सिंह और जयंत चौधरी के लिए छोड़ी गई हैं। रालोद अगर कांग्रेस संग गठबंधन करती है तो सपा-बसपा गठबंधन इन सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार सकता है। बता दें कि, इससे पहले गठबंधन की रूपरेखा से जुड़े सपा के सूत्रों ने बताया था कि दोनों दलों के बीच बंटवारे वाली सीटों पर आपसी सहमति लगभग बन गई है। इसकी सार्वजनिक घोषणा बसपा प्रमुख मायावती के जन्मदिन (Birthday) (15 जनवरी) के मौके पर या इसके एक-दो दिन के भीतर कर दी जाएगी। इससे पार्टी कार्यकर्ता समय रहते चुनावी तैयारियों में जुट सकेंगे। 

Deepika Rajput