CM अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा में शेरनी ने तोड़ा दम, मचा हड़कम्प

punjabkesari.in Wednesday, Nov 09, 2016 - 11:50 AM (IST)

इटावा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा लायन सफारी में ग्रीष्मा नामक शेरनी की मौत से हड़कंप मच गया है। ग्रीष्मा पिछले तीन जुलाई से कैनाइन डिस्टेम्पर नामक संक्रामक बीमारी से ग्रसित थी। लायन सफारी के उप निदेशक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने बताया कि दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर ग्रीष्मा शेरनी ने दम तोड़ दिया। उसे बचाने की भरसक कोशिश की गई लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

लंबी कबायत के बाद भी नहीं बचाया जा सका
ग्रीष्मा शेरनी को बचाने की दिशा में विदेशी एक्सपर्ट भी आए थे। अमेरिका और लन्दन के एक्सपर्टों ने यहां आकर शेरनी ग्रीष्मा को बचाने के लिए लाइव वैक्सीन का इस्तेमाल पहली बार किया। शेरनी को लंबी कबायत के बाद भी बचाया नहीं जा सका । पिछले दो जून को इसी बीमारी से जूझ रहे शेर कुबेर की भी मौत हो गई थी। शेर पिछले 16 अप्रैल से कैनाइन डिस्टेंपर नामक संक्रामक बीमारी से ग्रसित था। लायन सफारी में यह नौवीं मौत है। इससे पहले लक्ष्मी, विष्णु, तपस्या और कुबेर की मौत के साथ साथ पांच शावकों की मौत हो चुकी है।

मौतों से ड्रीम प्रोजेक्ट के पिछड़ने की संभावनाएं
उप निदेशक डॉ. पटेल ने बताया कि गत 6 अक्टूबर को इटावा सफारी पार्क में जेसिका नामक शेरनी ने 2 नर शावकों को जन्म दिया जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। ग्रीष्मा की मौत ने सबको एक बार फिर से सकते में ला दिया है।  डॉ. पटेल ने बताया कि इटावा सफारी पार्क के शेर, शेरनियों को कैनाइन डिस्टेम्पर नामक बीमारी से बचाने के लिए सफारी इलाके के दो किलोमीटर दायरे में करीब एक हजार से अधिक आवरा कुत्तों का टीकाकरण कराया गया। लायन सफारी में लगातार हो रही मौतों के कारण मुख्यमंत्री अखिलेख यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट के पिछड़ने की संभावनाएं बन रही हैं।

आईबीआरआई केंद्र में होगा पोस्टमार्टम
मुख्यमंत्री लायन सफारी को आम लोगों के लिए अक्टूबर में खुलवाने की कोशिश में थे लेकिन इसको अब दिसम्बर में आम लोगों के खोलने की कबायत की जा रही है। ग्रीष्मा शेरनी के शव को कड़ी निगरानी में बरेली स्थित आईबीआरआई केंद्र भेज दिया गया है। वहीं पर इसके शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। बड़ी ही सुरक्षात्मक तौर पर इसको बरेली ले जाने का प्रबंध किया गया है। लायन सफारी में शावकों और शेरों की मौत को लेकर अपनी वेदना खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 12 अप्रैल को सैफई में उस वक्त बयान कर चुके हैं जब वो सैफई में पर्यटन कांपलैक्स की आधारशिला रखने के लिए आए हुए थे।

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