सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए अखिलेश यादव, मुलायम और शिवपाल नहीं हुए शामिल

punjabkesari.in Thursday, Oct 05, 2017 - 11:53 AM (IST)

आगरा: अखिलेश यादव आज दोबारा निर्विरोध सपा के अध्यक्ष चुने गए। ताजनगरी आगरा में चल रहे सपा के 10वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। वह लगातार दूसरी बार दल के अध्यक्ष चुने गए हैं। निर्वाचन अधिकारी एवं सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने अखिलेश के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की। इस घोषणा के दौरान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई व अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल यादव मौजूद नहीं थे।

इससे पहले गत एक जनवरी, 2017 को लखनऊ में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को मुलायम सिंह यादव के स्थान पर सपा का अध्यक्ष बनाया गया था। अखिलेश का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा। उनके दोबारा अध्यक्ष बनने के साथ ही यह तय हो गया है कि वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव और 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। गौरतलब है कि सपा के 10वें राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि मौजूदा 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया। अखिलेश का आज सपा के अध्यक्ष पद पर दोबारा निर्वाचन महज औपचारिकता था, क्योंकि उन्हें चुनौती देने वाला कोई और उम्मीदवार नहीं था।

सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से पार्टी के करीब 15,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस अधिवेशन में विभिन्न राष्ट्रीय तथा स्थानीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा और आर्थिक तथा राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। सपा का यह अधिवेशन ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी में अखिलेश और शिवपाल धड़ों में रस्‍साकशी का दौर जारी है। फिलहाल हालात अखिलेश के पक्ष में नजर आ रहे हैं। माना जा रहा था कि खुद को सपा के तमाम मामलों से अलग कर चुके मुलायम गत 25 सितम्‍बर को लखनऊ में हुए संवाददाता सम्मेलन में अलग पार्टी या मोर्चे के गठन की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्‍होंने ऐसा करने से इनकार कर शिवपाल खेमे को करारा झटका दिया।

सपा अध्यक्ष के रुप में अखिलेश यादव का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा। पहले अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष का होता था, लेकिन हाल ही में पार्टी संविधान में संशोधन कर इसे 5 साल का कर दिया गया। गत 23 सितंबर को लखनऊ में पार्टी के प्रान्तीय सम्मलेन में नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था। उनका भी कार्यकाल 5 वर्ष कर दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी पहले तीन वर्ष का होता था।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सपा का पहली बार राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया गया है। चुनाव में सपा को करारी हार मिली थी। कुल 403 विधानसभा क्षेत्रों में से पार्टी केवल 47 पर जीत हासिल कर पाई थी। वह चुनाव अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी ने लड़ा था। मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने चुनाव प्रचार में बढ़ चढ़कर हिस्सा भी नहीं लिया था।