अखिलेश यादव ने दिया था इस खंजाची को सहारा, अब दर-दर ठोकरे खाने को हैं मजबूर

punjabkesari.in Sunday, Dec 03, 2017 - 04:23 PM (IST)

कानपुर देहातः 8 नवंबर को जहां नोटबंदी के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं कानपुर देहात के झींझक क्षेत्र के सरदारपुर की रहने वाली सर्वेशा देवी के लिए वो दिन काफी खुशियों भरा रहा। उस दिन उसके घर में एक बच्चे ने जन्म लिया। जिसका नाम खजांची रख दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसे सहायता राशि के तौर में 2 लाख रुपए उस बच्चे की देखभाल के लिए उसकी मां को दिए थे।

यह है खजांची की पूरी कहानी
सरदारपुर डेरापुर निवासी सर्वेशा देवी ने नोटबंदी के दौरान कोख में पल रहे बच्चे को बैंक में लगी लाइन के दौरान दिया। जिसके जन्म के बाद मानो सर्वेशा देवी की किस्मत खुल गई हो। जब बच्चे का जन्म बैंक में हुआ तब वह गरीबी की हालत से जूझ रही थी। सर्वेशा देवी की हालत इतनी दयनीय थी कि वह पति के मौत के बाद एक-एक पैसे के लिए परेशान थी। 

इसलिए रखा था खंजाची नाम 
एक पैर से दिव्यांग सर्वेशा के पास न तो रहने के लिए घर था और ना ही उसके पास एक भी पैसा, जिससे वो अपने 5 बच्चों का पालन पोषण कर सके। खजांची की मां को सरकारी योजना से मिली कॉलोनी जिसकी क़िस्त लेने वो बैंक में गई थी, तभी उसको प्रसव पीड़ा हुई और उसने बच्चे को जन्म दिया, उस बच्चे का नाम बैंक के अधिकारियों और वहां पर मौजूद लोगों ने खजांची नाथ रख दिया।

योगी सरकार से लगा रही न्याय की गुहार
पति के मौत के बाद ससुराल वाले उसको वहां पैसों के लालच में उसे दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर कर रहे है। कई बार उसने इसकी शिकायत भी थाने में की, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे वो अपने पांच बच्चों के साथ अपने मायके में रह रही है और वहीं रहकर मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही है। लेकिन अब उस नोटबंदी के दौरान जन्मे खजांची को योगी सरकार से अब क्या मदद मिलेगी, इस आस पर वह योगी सरकार से न्याय की गुहार लगा रही है।