केंद्र सरकार ने यूपी के इन नेताओं के कतरे पर, सुरक्षा में की भारी कटौती

punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2019 - 02:07 PM (IST)

नई दिल्ली/लखनऊ: केंद्र ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई सियासतदानों और जन प्रतिनिधियों को मिला वीआईपी सुरक्षा कवर वापस ले लिया जबकि 130 से ज्यादा मामलों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में अन्य की सुरक्षा को कम किया है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 

मोदी सरकार के दोबारा कार्यभार संभालने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की पहली बार पूर्ण समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिला शीर्ष ‘ज़ेड प्लस’ श्रेणी का एनएसजी सुरक्षा कवर ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है। सरकार ने प्रदेश के कई अन्य नेताओं के भी पर कतरे हैं जो इस प्रकार हैं-

यूपी के इन नेताओं की सुरक्षा में कटौती
1-पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव। 
2-उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा।
3-उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा।
4-उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक।
5-भाजपा के राज्यसभा सांसद ओपी माथुर।
6-आचार्य प्रमोद कृष्णन, अध्यक्ष अखिल भारतीय समिति, व कांग्रेस नेता।
7-आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार।
8- इटावा से भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया।
9-बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा।
10-उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक संगीत सोम।
11-कांग्रेस नेता व यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर।
12-उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज।
13-हिमाचल प्रदेश के नव-नियुक्त राज्यपाल व देवरिया से पूर्व बीजेपी सांसद कलराज मिश्रा।

इन सभी वीआईपी को सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, प्रतिष्ठित आतंकवाद रोधी बल एनएसजी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएएफ) के कमांडो तथा दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी। जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है।  

केंद्र ने 130 से ज्यादा वीआईपी को खतरे की धारणा की रिपोर्टों को देखकर लिया फैसला  
सूत्रों ने बताया कि जिन नेताओं के नामों को केंद्र की सुरक्षा देने वाली सूची में से हटाया गया है उनमें से कुछ को सुरक्षा विभिन्न राज्य सरकारों की पुलिस देगी। गृह मंत्रालय ने सोमवार को केंद्र की सुरक्षा प्राप्त 130 से ज्यादा वीआईपी को खतरे की धारणा की रिपोर्टों को देखा था जिसके बाद उनकी सुरक्षा या तो वापस ली गई है या उसकी समीक्षा की गई है। 

Ajay kumar