'टोंटी चोरी' वाला आरोप कभी नहीं...अखिलेश यादव की गाड़ियों पर 8 लाख का चालान, बोले- चालान करने वाला जरूर BJP का होगा
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 05:52 PM (IST)

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकारी गाड़ियों पर ओवरस्पीडिंग के चलते करीब 8 लाख रुपये का चालान काटा गया है। इस मामले को लेकर अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे "राजनीतिक चाल" बताया है। शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने खुलासा किया कि उन्हें हाल ही में अपनी सरकारी गाड़ियों के चालान की जानकारी मिली, जिनकी कुल राशि लाखों में है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “सरकार ने जो गाड़ी दी है, वो ऐसी है कि चल ही नहीं सकती। चालान तो कटना ही है।”
"हमें जो गाड़ी दी गई है, उसमें चलना मुश्किल है"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब एक व्यक्ति ने अपनी गाड़ी के 20 हजार रुपये के चालान और उसके पार्ट्स चोरी होने की शिकायत रखी, तो अखिलेश यादव ने कहा, “आपका तो कम चालान है, कल ही हमें हमारी गाड़ियों के चालान मिले हैं। कागज देखकर ही समझ गया कि सरकार की तरफ से चालान आया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह चालान जानबूझकर किया गया है और पीछे किसी "बीजेपी से जुड़े सिस्टम" का हाथ हो सकता है। “जो सिस्टम चला रहा होगा, वो बीजेपी का नेता होगा। मैं इसको ट्रेस करूंगा कि कौन है इसके पीछे।”
"कैमरे भी पक्षपाती हो सकते हैं" – अखिलेश का तंज
अखिलेश ने आगे कहा कि सरकार के पास कैमरे हैं, जिन्होंने शायद उनकी गाड़ियों को ओवरस्पीड में रिकॉर्ड किया होगा। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि चालान की राशि वह पार्टी के खाते से भर देंगे। "हमें कोई दिक्कत नहीं है, हम तो भर देंगे, लेकिन गरीब आदमी कहां से लाएगा इतना पैसा?"
टोटी चोरी के आरोप को याद कर सरकार पर साधा निशाना
इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘आप मुझपर टोंटी चोरी का आरोप लगाकर CM आवास को गंगाजल से धुलवाएंगे तो मैं इसे कभी भूल नहीं सकता। ये बात सरकार जान ले और सरकार चलाने वाले भी। ये अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक का खेल था।
राजनीति बनाम ट्रैफिक नियम
यह मामला सिर्फ एक चालान का नहीं बल्कि राजनीतिक बयानबाज़ी और सिस्टम पर उठते सवालों का बन गया है। अखिलेश यादव का यह आरोप कि चालान जानबूझकर राजनीतिक मंशा से काटे गए हैं, बीजेपी सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। हालांकि, अभी तक प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।