इलाहाबादी अमरुद की फसल पर प्रदूषण की मार, मिठास में आयी कमी

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 02:35 PM (IST)

प्रयागराज:संगम नगरी प्रयागराज की धार्मिक पहचान है तो आर्थिक पहचान यहां  का इलाहाबादी अमरुद है। जो अपनी मिठास और गुणवता की वजह से पूरे देश और विदेश  में अपनी अलग पहचान रखता है। कारण है बिल्कुल सेब जैसा स्वाद और तमाम बीमारियों से निजात। इसे विस्तार देने के लिए तमाम दूसरे शहरों में नर्सरियां लगीं लेकिन इलाहाबादी माटी की उपज जैसा स्वाद कहीं नहीं मिला। लेकिन इस बार उत्तर भारत में फैला प्रदूषण और देर तक हुई बारिश ने इलाहाबादी अमरूदों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमरूदों के पैदावार में भी काफी असर हुआ है। अमरूदों में कीड़े और मिठास में कमी भी इस बार देखी जा रही है।

 मुख्य उद्यान विशेषज्ञ कृष्ण मोहन चौधरी का कहना है कि अमरूदों की हर प्रजातियों पर प्रदूषण और देर तक हुई बारिश का असर पड़ा है। हालांकि 3 महीने का ये फल है। प्रदूषण में भारी गिरावट हुई है जिससे अब उम्मीद है कि आगे की फसल में कुछ अच्छा परिवर्तन देखने को मिले। पिछले साल के मुताबिक इस बार अमरूद के फल कम आये हैं साथ ही जो आये भी हैं उनमें मिठास की कमी है। इस बार अमरूदों के पेड़ों और पत्तों पर भी कीड़े लगे हुए हैं।

इलाहाबाद में अमरूद की प्रसिद्ध किस्में-


आपको बता दें कि इलाहाबाद में अमरूद की प्रसिद्ध किस्में हैं। इनमें इलाहाबादी सफेदा अमरूद के अलावा लाल गूदेवाला, चित्तीदार, करेला, बेदाना, अमरूद सेबिया, सुरखा, श्वेता, पंत प्रभात, एल 39, संगम व ललित इसकी प्रमुख प्रजातियां है। इलाहाबाद और कौशांबी में जहां सुरखा, सेबिया और सफेदा अमरुद की उपज होती है। इलाहाबादी सुरूखा और सफेदा की डिमांड पूरी दुनिया में है। इलाहाबादी अमरूद को अपनी इन खूबियों के चलते आयुर्वेद में खास स्‍थान दिया गया है। यही नहीं इसकी खुश्‍बू और स्‍वाद दोनों लाजवाब हैं
अमरूद डायबिटीज के मरीजों के

अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। यह शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और लो ग्लिसमिक इंडेक्‍स शुगर लेवल को अचानक बढऩे से रोकता है। डायबिटीज के रोगियों को रोज अमरूद खाने की सलाह दी जाती है। यही नहीं अमरूद की पत्तियों की चाय पीने से से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।

कई सालों के बाद दिखी प्रदूषण की मार: कृष्ण मोहन चौधरी


मुख्य उद्यान विशेषज्ञ कृष्ण मोहन चौधरी ने बातचीत करते हुए बताया कि कई सालों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदूषण और देर तक हुई बारिश की वजह से अमरूदों की फसल पर इतना असर देखने को मिला है। विश्व प्रसिद्ध इन अमरूदों पर इसबार प्रकृति की ही नजऱ लग गई है।

Ajay kumar