इलाहाबाद HC ने स्थाई हो चुके कांस्टेबल का चयन निरस्त करने के आदेश पर लगाई रोक

punjabkesari.in Saturday, Aug 14, 2021 - 06:16 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चार साल से अधिक सिविल पुलिस में बतौर कांस्टेबल सेवा कर चुके कन्फ़र्म सिपाही के चयन को निरस्त करने के पुलिस अधीक्षक के आदेश को गलत ठहराते हुए निरस्तीकरण आदेश पर रोक लगा दी है।      

कोर्ट ने चयन निरस्तीकरण आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह विचारणीय मुद्दा है कि क्या सेवा में कन्फ़र्म हो चुके सिपाही की सेवा को बगैर विभागीय कार्यवाही पूरा किए समाप्त की जा सकती है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से आठ सप्ताह में जवाब माँगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने दिलदार नगर गाजीपुर निवासी याची सिपाही बादशाह खान की याचिका पर दिया है। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याची का चयन ओबीसी (पुरुष) में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा के तहत हुआ था। उसका चयन 16 जुलाई 2015 को हुआ तथा 18 मई 2016 को उसे नियुक्ति मिली। दो साल का प्रोबेशन अवधि पूरी कर उसे बतौर कान्सटेबिल कन्फ़र्म कर दिया गया।       

वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम का तर्क था कि एक कन्फ़र्म हो चुके सिपाही की सेवा विभागीय प्रक्रिया पूरी किए बगैर समाप्त नहीं की जा सकती है। चार साल बीत जाने के बाद उसके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सटिर्फकेट पर संदेह नहीं किया जा सकता। बहस की गई कि यूपी पुलिस आफिसर्स आफ सबाडिर्नेट रैंक (पनीस्मेन्ट एन्ड अपील) रूल्स 1991 के नियम 14 का पालन किए बिना कन्फ़र्म हो चुके सिपाही की सेवा समाप्त करना गलत है। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगते हुए इस केस की सुनवाई नौ सप्ताह बाद करने का निर्देश दिया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Umakant yadav

Recommended News

Related News

static