श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना, निर्णय रखा सुरक्षित

punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2024 - 05:16 PM (IST)

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के मथुरा (​Mathura) में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर (Krishna Janmabhoomi Mandir) से सटी शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Mosque) के सर्वेक्षण के लिए अधिवक्ता आयोग के गठन और सर्वेक्षण के तौर तरीकों के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने बृहस्पतिवार को संबद्ध पक्षों को सुना। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस बाबत बाद में अपना निर्णय सुनाएगी। आज जैसे ही मामले में सुनवाई शुरू हुई, मुस्लिम पक्ष की ओर से दो आधार पर सुनवाई टालने की प्रार्थना की गई।


इन दो आधार पर सुनवाई टालने की दी गई प्रार्थना
पहला आधार था कि सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई लंबित है और इस पर 16 जनवरी को सुनवाई किए जाने की संभावना है। मुस्लिम पक्ष का दूसरा आधार था कि उनके वकील पुनीत गुप्ता के पिता का हाल ही में देहांत हो गया है और वह इस मामले में सुनवाई टालने का प्रार्थना पत्र पहले ही दे चुके हैं, इसलिए आज इस मामले में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। आयोग के स्वरूप और सर्वेक्षण के तौर तरीके के मुद्दे पर हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि सर्वेक्षण टीम के गठन के आदेश से किसी पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है और अदालत उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वेक्षण टीम गठित करने का आदेश पारित कर सकती है।


पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा सकता है आदेश
अदालत ने संबद्ध पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस संबंध में आदेश बाद में पारित हो सकता है और इसे पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा सकता है। गत 14 दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति दी थी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उस मस्जिद में हिंदू प्रतीक चिन्ह हैं जिससे पता चलता है कि वह कभी हिंदू मंदिर था। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य द्वारा दायर वाद पर सुनवाई के बाद अधिवक्ता आयुक्त के गठन की अर्जी मंजूर की थी।

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Content Editor

Pooja Gill