अमनमणि त्रिपाठी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

punjabkesari.in Friday, Mar 10, 2017 - 09:07 AM (IST)

इलाहाबाद:इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी से निष्कासित नेता अमनमणि त्रिपाठी को जमानत दे दी। त्रिपाठी के खिलाफ सीबीआई ने पत्नी की हत्या का आरोप पत्र दाखिल किया है। वह उत्तर प्रदेश के विवादास्पद नेता अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने निर्देश दिया कि त्रिपाठी अभियोजन के साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे, अभियोजन के गवाहों पर दबाव नहीं बनाएंगे और निचली अदालत द्वारा तय तिथि पर पेश होंगे। अदालत ने त्रिपाठी से यह भी कहा कि वह इस तरह का कोई अपराध नहीं करेंगे जिस तरह के अपराध का उन पर आरोप है और साथ ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस मामले के तथ्यों से परिचित किसी व्यक्ति को किसी तरह का प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करेंगे जिससे कि इस अदालत या किसी अन्य पुलिस अधिकारी को तथ्यों का खुलासा करने से बचे।

त्रिपाठी की पत्नी सारा की जुलाई, 2015 में हत्या कर दी गई थी जिसमें शुरुआत में यह माना गया कि यह एक सड़क दुर्घटना थी। हालांकि, उसके मां-बाप ने आरोप लगाया कि दो साल पहले उसके पति द्वारा उसकी हत्या करा दी गई। इसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया और त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया और 25 नवंबर, 2016 को जेल भेज दिया गया और गत 18 फरवरी को एक आरोपपत्र दाखिल किया गया।  उनकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए इस अदालत ने त्रिपाठी को अपनी रिहाई की तिथि से दो सप्ताह के भीतर अपना पासपोर्ट संबद्घ अदालत को जमा करने और जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया।

अदालत ने यह व्यवस्था भी दी है कि वह संबद्घ अदालत के समक्ष प्रत्येक तिथि को पेश होंगे और सुनवाई टालने का प्रयास नहीं करेंगे। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नौतनवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके त्रिपाठी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। जब मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष थे, उन्हें इस पार्टी से टिकट दिया गया था, लेकिन पार्टी की बागडोर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ में आने के बाद उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी।