लखनऊ के एक अस्पताल का कमाल, मरीजों की मौत के बाद बदल दिए उनके शव

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 01:17 PM (IST)

लखनऊः चिकित्सक इंसानों की जान बचाते हैं। जिस वजह से उन्हें ‘धरती का भगवान’ भी कहा जाता है। ऐसे में डॉक्टरों की ओर से लापरवाही के किस्से भी बहुत सुनाई देते हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल ने मरीजों की मौत के बाद उनके शव ही बदल डाला। एक परिवार ने शव की अंत्येष्टि भी कर डाली। दोनों ही मृतकों के धर्म अलग-अलग होने की वजह से यह मामला पेचीदा हो गया।

बता दें कि इशरत जहां को गंभीर हालत में उपचार के लिए एक चर्चित निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान ही इशरत की मौत हो गई। उनके तीन बेटे और एक बेटी है, जो विदेश में रहते हैं। ऐसे में अस्पताल में भर्ती कराने वाले परिचितों ने इशरत का शव बेटे-बेटी के आने तक फ्रीजर में रखने को कहा। जब इशरत जहां के परिजन शव लेने अस्पताल पहुंचे तो सन्न रह गए। अस्पताल की ओर से इशरत के नाम पर अर्चना गर्ग का शव सौंप दिया गया। परिजन यह देख भड़क गए और शव लेने से इनकार कर हंगामा करने लगे। आनन-फानन में अस्पताल ने अर्चना के परिजनों को फोन कर शव लाने को कहा। अर्चना के परिजन शव की अंत्येष्टि कर चुके थे और जब अस्पताल का फोन गया, वे अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज जा रहे थे। अर्चना की बजाय किसी और की अंत्येष्टि की सूचना पाकर हड़बड़ाए परिजन अस्थियां लेकर अस्पताल पहुंचे।

घर में थी शादी, बिना देखे कर दी अंत्येष्टि
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल प्रशासन, इशरत और अर्चना के परिजनों के साथ ही मुस्लिम धर्मगुरुओं की सलाह से किसी तरह मामले का समाधान कराया। अर्चना का शव उनके परिजनों को सौंपा गया और इशरत के परिजनों ने अस्थियां कर्बला में दफन कीं। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की जांच कर रही है। वहीं शव पहचान नहीं पाने के संबंध में पूछे जाने पर अर्चना गर्ग के परिजनों ने कहा कि घर में शादी थी, इसलिए शव बगैर देखे ही जल्दी में अंत्येष्टि कर दी।

Ajay kumar