राम नाईक की विदाई, आनंदी बेन पटेल बनीं UP की नई राज्यपाल

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2019 - 02:07 PM (IST)

लखनऊः उतर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का कार्यकाल खत्म हो गया है। उनकी जगह आनंदी बेन पटेल को नया राज्यपाल बनाया गया है। आनंदीबेन पटेल गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। 2007-2014 के दौरान आनंदीबेन ने गुजरात सरकार में, राजस्व, सड़क, भवन, शहरी विकास तथा शहरी आवास और अन्य कई विभाग संभाले हैं।

जानिए, कौन हैं आनंदीबेन पटेल
आनंदीबेन पटेल का जन्म 21 नवंबर, 1941 को गुजरात के मेहसाणा जिले के खरोद गांव में हुआ था। वह अपने विद्यार्थी जीवन में लगातार 3 वर्षों तक एथलेटिक्स में जिला स्तर की चैंपियन रही हैं। आनंदीबेन अपनी पहली नौकरी के रूप में महिला विकास गृह में शामिल हुईं। उनका राजनीति में प्रवेश करना एक दुर्घटना का परिणाम था जो 1987 में स्कूल पिकनिक के दौरान हुआ। जब ये मोहिनाबा विद्यालय की प्राचार्य थीं, तो दो डूबने वाली लड़कियों को बचाने के लिए ये सरदार सरोवर जलाशय में कूद गईं थी। इनके इस कार्य के लिए इन्हें 'वीरता पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।

आनंदीबेन के साहसिक कार्य के कारण बीजेपी के प्रमुख अधिकारी ने सुझाव दिया कि उन्हें पार्टी में शामिल होना चाहिए। 1987 में पार्टी में शामिल होने पर इन्हें गुजरात राज्य में महिला मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 1994 में आनंदीबेन को गुजरात से राज्यसभा के लिए चुना गया। 1998 में पटेल ने राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मंडल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अपने पहले विधानसभा चुनाव में चुनाव भी लड़ा। केशुभाई पटेल की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था।

2002 और 2007 में नरेंद्र मोदी के शासन में आनंदीबेन पटेल दोनों बार गुजरात विधानसभा चुनावों में उतरीं। वे दोनों चुनावों में विजयी हुई और अपने दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शिक्षा विभाग में पदस्थ रही और उन्हें तीसरे कार्यकाल के दौरान सड़क और भवन और राजस्व विभाग प्रदान किया गया। आनंदीबेन ने घाटलोडिया विधानसभा क्षेत्र से 2012 के विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ा। वह पूरे राज्य में 1,75,000 से भी अधिक मतों से जीती थीं।

24 मई, 2014 को आनंदीबेन पटेल ने गुजरात की 15 वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इन्होंने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने वाले आरोपों के बाद अगस्त, 2016 में अपनी पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। बीजेपी ने इनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया था।

Deepika Rajput