Convocation ceremony: आनंदीबेन पटेल बोलीं- अन्न का उत्पादन करने वाला किसान देश की रीढ़

punjabkesari.in Tuesday, Jan 17, 2023 - 01:05 AM (IST)

अयोध्या, Convocation ceremony: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को कहा कि अन्न उत्पादन करने वाले देश का किसान देश की रीढ़ होता है। अयोध्या मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के 24 वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर बोलते हुए प्रदेश की कुलाधिपति राज्यपाल ने कहा कि देश का किसान तब तक सही रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो सकता जब तक आधुनिक तकनीकी का उपयोग नहीं करेगा।

कृषि में ड्रोन के उपयोग पर बोलते हुए पटेल ने कहा आज अति विकसित ड्रोन उपलब्ध हैं जो फसलों में उनकी आवश्यकतानुसार कीटनाशक तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में सक्षम हैं। उनका उपयोग कृषि में अत्यन्त लाभकारी है। कुलाधिपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य तभी पूर्ण होता है जब हम अपनी शिक्षा के माध्यम से दूसरों की भी उन्नति कर सकें। उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकें। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी शिक्षा की उन सभी कमियों को दूर कर बहुउपयोगी बनाने में कारगर सिद्ध हो रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा किसान इस देश की रीढ़ है। भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। वर्षा के जल का समुचित संचयन का उपयोग होना चाहिए अन्यथा भविष्य में जलसंकट निश्चित रूप से हो सकता है।

राज्यपाल ने कृषि में मोटे अनाजों की उपयोगिता पर बोलते हुए कहा कि पहले समय में 40 प्रतिशत मोटे अनाजों का उपयोग होता था और लोग स्वस्थ रहते थे, लेकिन हमारी परम्परा हमसे दूर हुईं जिसका परिणाम है कि बीमारियां बड़े स्तर पर फैली हुई हैं। उन्होंने कहा कि इनका निर्मूलन मोटे अनाजों के उपयोग से ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व अंतररष्ट्रीय मिलेट दिवस मना रहा है। शिक्षा में महिलाओं के बढ़ते कदम का स्वागत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह समय दूर नहीं जब महिलाएं पुरुषों से आगे होंगी। अब समय महिलाओं को नहीं बल्कि पुरुषों को सचेत रहने का है। कृषि विश्वविद्यालय में 545 स्वर्ण पदक पाकर मेधावी छात्रों ने नई उड़ान भरी है।

समारोह के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि 47 वर्षों के इतिहास में विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व प्रगति की है। इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर यहां की छात्र-छात्राएं देश-विदेश में कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर आधुनिक भारत का निर्माण कर रहे हैं। विकास के साथ-साथ आज भी भारतीय किसानों को कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं पर आज सबको गंभीरता से विचार कर इनके निराकरण पर शोध कार्य करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जल की कमी पूरे विश्व के लिए महासंकट बन सकती है। जल है तो कल है यह सर्वविदित सत्य है। उन्होंने कहा कि वर्षा जल के भंडार एवं कृषि में उपयोग तथा दूषित जल को सिंचाई लायक बनाना तथा जल संचय स्रोतों का पुन: उद्धार किया जाना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिजेन्द्र सिंह सहित आदि प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

 

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Mamta Yadav