ज्ञानवापी मस्जिद का मामला पहुंचा HC, अंजुमन मस्जिद समिति ने जिला अदालत के फैसले को दी चुनौती
punjabkesari.in Saturday, Oct 15, 2022 - 01:40 PM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला अदालत के फैसले से असंतुष्ट अंजुमन मस्जिद समिति ने अब केस को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल, वाराणसी की सिविल कोर्ट ने ऑर्डर 7 रूल 11 सीपीसी याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने हिंदू पक्ष की कथित शिवलिंग की जांच की मांग को खारिज कर कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद कहा कि शिव लिंग में जांच के दौरान तोड़फो होगी तो हिन्दू भावना आहत हो सकती है यह कहते हुए कोर्ट ने कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दी।
आम जनता की धार्मिक भावनाएं हो सकती है अहत
बता दें कि न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस प्रकरण पर सुनवाई के दौरान गत 17 मई को वजूखाना क्षेत्र को सुरक्षित बनाये रखने का आदेश दिया था। ऐसी स्थिति में यदि कार्बन डेटिंग और भूमिगत परीक्षण संबंधी ‘ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार' तकनीकि के प्रयोग से कथित शिवलिंग को यदि कोई क्षति पहुंचती है तो यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा। न्यायाधीश ने यह भी कहा, ‘‘ऐसा होने पर आम जनता की धार्मिक भावनाओं को भी चोट पहुंच सकती है।''फैसले में अदालत ने कहा कि इस स्तर पर कथित शिवलिंग की आयु, प्रकृति और संरचना का निर्धारण करने के लिये भारतीय पुरातत्व सर्वे को निर्देश दिया जाना उचित नहीं होगा। ऐसे आदेश से इस वाद में अंतर्निहित प्रश्नों के न्यायपूर्ण समाधान की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती है। इसलिये वादी पक्ष का प्रार्थना पत्र निरस्त होने योग्य है।
हिन्दू मुस्लिम के अपने- अपने दावे
उल्लेखनीय है कि इस साल मई में वाराणसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान मस्जिद के वजू खाने में पत्थर का एक शिवलिंग जैसा ढांचा मिला था। हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग तथा मुस्लिम पक्ष इसे वजूखाने का फव्वारा बता रहा था। मुस्लिम पक्ष स्थानीय अदालजत के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गया था। उच्चनत न्यायालय की पीठ ने वजूखाना क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश देते हुए मुसलमानों के नमाज और अन्य मजहबी क्रियाकलापों को निर्बाध रूप से जारी रखने आदेश दिया था।