जौनपुर में मनाया गया अन्नकूट, हुई गोवर्धन की पूजा

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2019 - 04:07 PM (IST)

जौनपुरः दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व की परम्परा मुख्यतया ब्रज और अयोध्या में प्रचलित है हालांकि जौनपुर जिले में सोमवार को आदि गंगा-गोमती के पावन तट सूरजघाट पर स्थित प्राचीन मठ में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। जौनपुर नगर के बारीनाथ मठ पर महंथ जनसंत योगी देवनाथ ने आज भगवान् गोवर्धन की विधि विधान से पूजा की । इस अवसर पर गोबर से बनाये गए गोबर्धन की लोगो ने परिक्रमा की।

सूरजघाट के महंथ बाबा नरसिंह दास ने बताया कि दीपावली के दूसरे दिन यहां पर अन्नकूट पर्व परंपरानुसार महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यहां पर भगवान् को भोग लगाने के लिए छप्पन प्रकार के व्यंजन बनाए गए। छप्पन प्रकार के व्यंजनों से भगवन श्रीराम, माता सीता, भगवान् श्रीकृष्ण व् राधारानी को भोग लगाने के पश्चात महाप्रसाद के रूप में मठ पर आये साधू-संतो के साथ भक्तजनो को दिया गया। यह परंपरा 1970 से चली आ रही है।

उन्होंने बताया कि ब्रज मंडल में अन्नकूट की परंपरा गोवर्धन पर्वत से अनुप्राणित है। ब्रजवासी भगवान कृष्ण के समय से ही गोवर्धन को भगवान विष्णु का प्रतीक मानकर इस पर्वत की पूजा करते है और पूजा के उपरांत गोवर्धन को भांति भांति के व्यंजनो का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में वितरित करते है। मान्यता है कि लंका विजय कर राम के वापस अयोध्या आने की ख़ुशी में कार्तिक अमावास्या को दीपावली मनाई गई और अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट महोत्सव मनाया गया।

भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने पर उनकी महिमा महत्ता के अनुरूप भोज भंडारा का आयोजन स्वाभाविक था। इसके पीछे अवधारणा है कि युद्ध की आपातकालीन परस्थितियों से लेकर वन जीवन के दौरान भगवान् राम को राजशी पकवान से वंचित रहना पड़ा होगा। इसकी भरपाई के लिए उन्हें कई तरह के व्यंजन परोसे गए।


 

Tamanna Bhardwaj