बेल पर बाहर आए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद पर एक और FIR, रिहा होने की नहीं उम्मीद

punjabkesari.in Friday, Sep 11, 2020 - 01:44 PM (IST)

लखनऊः सामूहिक दुष्कर्म के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत अर्जी मंजूर होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को राहत मिलने की संभावना नहीं है। प्रजापति के खिलाफ बलात्कार मामले की पैरवी करने वाले वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा पूर्व मंत्री पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक और उसकी बेटी अनन्या के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने की एफआईआर दर्ज कराई है।

वकील का आरोप है कि गायत्री पर रेप का केस लिखाने वाली सविता पाठक और उसकी बेटी अनन्या के नाम पूर्व मंत्री ने रिपोटर् वापस लेने के एवज में अपनी करोड़ो रूपये की बेनामी संपत्ति की रजिस्ट्री कर दी थी जिसके बाद सविता वकील को ही जान से मरवाने की धमकी देने लगी थी। गौरतलब है कि सविता पाठक ने गायत्री को निर्दोष बताते हुये अपने कथित पति रामसिंह के खिलाफ गौतम पल्ली थाने में मुकदमा लिखा दिया था। गायत्री से करोड़ों की संपत्ति पाने के बाद सविता पाठक ने राम सिंह के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था।

वकील का आरोप है कि सविता पाठक के बयान से पलटने के बाद गायत्री भी उन्हे जेल से जान से मार देेने की धमकी देने लगा था। उच्च न्यायालय से गायत्री को जमानत मिलने के दूसरे दिन ही क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर ने रामसिंह को बिना उच्चाधिकारियों की जानकारी के राम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस आयुक्त ने वकील की एफआईआर के बाद इस्पेक्टर गौतम पल्ली और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर निलंबित कर दिया है।

वकील ने बताया कि वर्ष 2017 में उन्होंने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ चित्रकूट निवासी महिला की तहरीर पर दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस मामले की वह पैरवी कर रहे थे। महिला ने मुकदमे को समाप्त करने के लिए पूर्व मंत्री से मोटी रकम लेने के अलावा दो प्लाट और दो मकान भी फर्जी और कूट रचित दस्तावेज तैयार कर लिए थे। महिला उन पर गायत्री व अन्य आरोपितों के पक्ष में शपथ पत्र लगाने का दवाब बना रही थी और विरोध करने पर उन पर दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज कराने की धमकी दी थी। 
 


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Tamanna Bhardwaj

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