स्टेज-4 कैंसर से जूझ रहे लखनऊ के अंश के इलाज के लिए पिता ने PM मोदी और रूस से लगाई गुहार, रूस से आया चौंका देने वाला जवाब!
punjabkesari.in Sunday, Nov 16, 2025 - 12:23 PM (IST)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाले मनु श्रीवास्तव अपने 21 साल के बेटे अंश श्रीवास्तव की जिंदगी बचाने के लिए देश-दुनिया से मदद की अपील कर रहे हैं। अंश स्टेज-4 कैंसर से लड़ रहा है और उसकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। मनु श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, रूस की सरकार और साउथ कोरिया की सरकार को एक-एक लेटर लिखकर गुहार लगाई है कि अंश पर रूस में विकसित कैंसर वैक्सीन का परीक्षण (ट्रायल) किया जाए। उनका कहना है कि भारत में यह दवाई उपलब्ध नहीं है और अगर मौका मिले तो शायद उनके बेटे की जान बच सके।
रूस ने भेजा आधिकारिक जवाब—'अनुरोध पर किया जा रहा है विचार'
मनु श्रीवास्तव ने बताया कि 27 अक्टूबर 2025 को उन्हें रूस की सरकार से ऑफिशियल लेटर मिला। इस पत्र में रूस सरकार ने लिखा है कि अंश पर दवा के परीक्षण का अनुरोध विचाराधीन है। मामला रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है। अब अंश पर दवा का परीक्षण होगा या नहीं—इसका अंतिम फैसला रूस की सरकार और वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के हाथ में है। रूस में बनी यह नई दवा अभी भारत में उपलब्ध नहीं है।
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh | A Lucknow Resident, Manu Srivastava's 21-year-old son is suffering from 4th-stage cancer. He had written a letter to Prime Minister Narendra Modi, Chief Minister of Uttar Pradesh Yogi Adityanath, Union Health Minister, as well as high officials… pic.twitter.com/BE2AWa2inI
— ANI (@ANI) November 15, 2025
'ट्रायल सफल भी हो सकता है और असफल भी… पर हम तैयार हैं': पिता मनु
मनु ने कहा कि वे हर स्थिति के लिए तैयार हैं। ट्रायल सफल होगा या नहीं—इसका कोई भरोसा नहीं। डॉक्टरों ने भी अब अंश को लेकर कोई उम्मीद नहीं जताई है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला कि रूस में कैंसर का एक नया टीका बनाया गया है, जो कई मरीजों पर असर दिखा रहा है, तो उन्होंने भारत और रूस दोनों को पत्र लिखकर अंश पर ट्रायल की अपील की — 'शायद इससे उसकी जिंदगी बच जाए, वरना जो होगा देखा जाएगा।'
भारत सरकार भी करेगी रूस से औपचारिक अनुरोध
मनु श्रीवास्तव के अनुसार, उन्हें केंद्र सरकार की ओर से भी पत्र मिला है। इसमें आश्वासन दिया गया है कि भारतीय अधिकारी रूस की सरकार से आधिकारिक तौर पर अनुरोध करेंगे कि अंश पर परीक्षण की अनुमति दी जाए। हालांकि, फिलहाल रूस अपने देश के नागरिकों पर ही दवा का परीक्षण कर रहा है। किसी विदेशी नागरिक पर ट्रायल की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है।
रूस की कैंसर वैक्सीन—प्री-क्लिनिकल टेस्ट सफल
रूस की फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEF) में बताया था कि कैंसर वैक्सीन ने प्री-क्लिनिकल टेस्टिंग में सकारात्मक परिणाम दिए हैं। दवा और इंजेक्शन लेने के बाद मरीजों की जीवित रहने की दर में सुधार देखा गया है। इसी उम्मीद के सहारे पिता मनु अपने बेटे अंश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।

