आरिफ के सारस को उठा ले गई वन विभाग की टीम, कुछ दिन पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने की थी मुलाकात

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 09:28 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक हार्वेस्टर ऑपरेटर और एक सारस (Stork) के बीच अनोखी दोस्ती वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों द्वारा जंगली पक्षी (Wild bird) को ले जाने के बाद आखिरकार खत्म हो गई। डीएफओ, अमेठी, देव नाथ शाह ने कहा कि सारस वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित है और इसलिए इसे कैद में नहीं रखा जा सकता है। अमेठी (Amethi) के जामो विकासखंड के मांडका गांव के 30 वर्षीय मोहम्मद आरिफ फरवरी 2022 में एक खेत में घायल सारस को ढूंढ कर घर ले आया था। आरिफ ने पक्षी को वापस स्वास्थ्य के लिए परिचारित किया और जब सारस पूरी तरह से स्वस्थ हो गया, तो उसने वापस जाने से इनकार कर दिया।

सारस की मोहम्मद आरिफ के परिवार से नहीं थी दोस्ती
जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद आरिफ ने संवाददाताओं से कहा था कि अब मैं जहां भी जाता हूं, सारस, जिसे हर कोई 'बच्चा' कहता है, मेरे साथ जाता है। जब मैं काम कर रहा होता हूं तो सारस टहलती है और फिर शाम को घर लौटने से पहले हम दोनों साथ में खाना खाते हैं। लोग हमें घूरते हैं और हमारी तस्वीरें लेते हैं। कुछ रील भी बनाते हैं लेकिन अब मैं घूरने का आनंद लेता हूं। हालांकि सारस की आरिफ के परिवार से दोस्ती नहीं थी।

जानिए, सारस के बारे में क्या कहना है आरिफ की पत्नी मेहरुन्निसा का?
आरिफ की पत्नी मेहरुन्निसा ने कहा कि पति की गैरमौजूदगी में मैं जब भी उन्हें खाना खिलाने जाती हूं तो मुझ पर हमला किया जाता है। न तो मेरी और न ही मेरे दोनों बच्चों की हिम्मत सारस के पास जाने की होती है। लेकिन वन्यजीव विशेषज्ञों की इस घटना पर अलग राय थी और उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सारस को सबसे कम सामाजिक सारस प्रजाति माना जाता है। घोंसला बनाते समय वे बहुत सुरक्षात्मक हो सकते हैं और घुसपैठियों के प्रति आक्रामक होते हैं।

जानिए, क्या कहना है लखनऊ के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर रवि सिंह? 
लखनऊ के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर रवि सिंह ने कहा कि हमारे पास इसकी सुरक्षा और पालन-पोषण की व्यवस्था है, लेकिन सतर्क रहना चाहिए। आप इसके पंखों को छू नहीं सकते हैं और न ही इसे अपने पास रख सकते हैं। किसी भी मानवीय स्पर्श की अनुमति नहीं है। सारस को जंगल में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए और इसे पालतू नहीं बनाया जा सकता और मनुष्यों के साथ संपर्क की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पक्षी को कीड़े, मछली और पिला का आहार दिया जाना चाहिए। आरिफ दुखी है कि उसके दोस्त को ले जाया गया है, लेकिन इस बात से भी खुश है कि पक्षी अब अपने प्राकृतिक आवास में रहेगा।

Content Editor

Anil Kapoor