10 अक्टूबर को दादरी में सद्भावना उपवास का आयोजन करेगी कांग्रेस

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2015 - 02:01 PM (IST)

वाराणसी: बीते सोमवार को काशी में हिंसा से मचे कोहराम से कई मीडिय़ाकर्मी घायल हो गए। भड़की इस हिंसा में कई वाहनों और दूकानों को आग के हवाले कर दिया गया। कांग्रेस ने काशी में भड़की हिंसा का आरोप पुलिस के जवानों और हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं पर लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने हिंसा भड़काया लेकिन गिरफ्तार कांग्रेसी नेताओं को किया जा रहा है। बीजेपी विधायक, विश्व हिदूं परिषद के नेताओं के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। कांग्रेस ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है। इसके साथ ही पार्टी आगामी 10 अक्टूबर को दादरी में सद्भावना उपवास का आयोजन करेगी।
 
कांग्रेस प्रवक्ता सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि वाराणसी में मूर्ति विसर्जन को लेकर संतों पर लाठीचार्ज हुआ। गलत ढंग से किए गए लाठीचार्ज के विरोध में जब संतो ने अन्याय प्रतिकार यात्रा का आयोजन किया तो अजय राय और दूसरे कांग्रेस नेता शरीक हुए। इसमें बीजेपी विधायक श्यामदेव राय चौधरी, रवींद्र जायसवाल, ज्योत्सना श्रीवास्तव और वीएचपी नेता साध्वी प्राची भी शामिल थी। लेकिन जब कारवाई की बात आई तो केवल कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया गया। विपक्षी पार्टी के लोगों को छोड़ दिया गया। इससे साबित होता है कि बीजेपी और सपा में जुगलबंदी चल रही है। इसी वजह से सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है। इतना ही नहीं दोनों दल इसे अपने-अपने ढंग से बढ़ाने में लगे हैं।
 
सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा,'' पुलिस के जवानों और हिंदूवाहिनी के लोगों ने हिंसा को अंजाम दिया। इसमें वाराणसी प्रशासन और इंटेलीजेंस की अक्षमता सामने आई, क्योंकि इस अन्याय प्रतिकार की जानकारी पहले से ही प्रशासन को दी जा चुकी थी। पुलिस ने अपनी नाकामी झुपाने के लिए पुलिस ने जिन 105 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर किए, उसमें कांग्रेस विधायक अजय राय, स्वामी मुक्तेस्वरानंद, युवा कांग्रेस के कोर्डिनेटर राघवेंद्र चौबे जैसे लोगों के नाम हैं, जो वहां पर शांति बनाने में लगे थे। बीजेपी विधायक विश्वहिंदू परिषद और युवा हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई।