मुलायम के करीबी अशोक वाजपेयी को BJP ने बनाया राज्यसभा उम्मीदवार, जानिए इनके बारे में

punjabkesari.in Monday, Mar 12, 2018 - 10:50 AM (IST)

लखनऊः केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश राज्यसभा के लिए 7 और नामों का एेलान कर दिया है। जिनमें अशोक वाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता करदम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव और हरनाथ सिंह यादव का नाम शामिल है। इनमें सबसे अहम नाम डॉ. अशोक बाजपेई का है। वह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। वह हरदोई से 7 बार विधायक रह चुके हैं। 

जानिए, कौन हैं अशोक वाजपेयी
डॉ. अशोक वाजपेयी का जन्म 26 जुलाई, 1949 में उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव में एक किसान परिवार में हुआ। वह अपने स्कूल के दिनों में एक राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेट थे, जहां उन्होंने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी में अपनी स्नातक की पढ़ाई की और फिर लोक प्रशासन में डिप्लोमा करने के लिए चले गए। इन्होंने राजनीतिक विज्ञान और लोक प्रशासन में डबल एमए की। वाजपेयी ने बाद में पीएचडी के लिए एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का चयन किया। वह 'भारत में पंचायती राज' नामक किताब के लेखक हैं।

2017 में विधान परिषद सदस्य के पद से दिया त्यागपत्र
वाजपेयी छात्र के रूप में राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हो गए और अखिल भारतीय छात्र परिषद के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह जयप्रकाश नारायण आंदोलन में सक्रिय भागीदार थे। वह आपातकाल (भारत) के विरोध में जून 1975 में जेल गए थे और 19 महीनों की अवधि के लिए एक राजनीतिक कैदी के रूप में जेल में रहे थे। जेल से रिहा होने के बाद वह जनता पार्टी में शामिल हो गए और उत्तर प्रदेश में यूथ लीग के राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद बाबू बनारसीदास सरकार में वह राज्यमंत्री बने, लेकिन 1980 में उन्हें हार मिली। उन्होंने 1985 और 1989 के चुनाव जीते। इस दौरान मुलायम सिंह यादव के वह करीब आए। 1989 में मुलायम सरकार में वह शिक्षामंत्री बने, लेकिन 1991 में राम लहर में उन्हें बुरी हार देखनी पड़ी।

बीजेपी में हुए शामिल 
वर्ष 1993 में सपा और बसपा गठबंधन से वह फिर चुनाव जीते। 1996 और 2002 भी उन्हें जीत मिली। साथ ही वह सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन 2007 से उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। 2007, 2012 के चुनाव में वह हार गए। इसके बाद उन्हें 2016 में समाजवादी पार्टी ने विधानपरिषद सदस्य बनाया। 2017 में उन्होंने सपा के विधान परिषद सदस्य के पद से त्यागपत्र दिया था। इसके बाद अशोक बाजपेई लखनऊ में बीजेपी में शामिल हो गए। उनको खुद गृह मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने पार्टी ज्वाइन कराई।