विधानसभा उपचुनाव: आजम खान का परिवार ही बचाएगा रामपुर में सपा की इज्जत

punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2019 - 12:28 PM (IST)

रामपुरः उत्तर प्रदेश में विधानसभा की रामपुर सीट सपा के लिए कितनी महत्वपूर्ण है इसका पता इस बात से लगता है कि पार्टी ने एक बार फिर यहां से 9 बार विधायक रहे आजम खान के परिवार पर ही भरोसा जताया है। आजम लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट से जीते थे और उन्होंने बीजेपी की जयाप्रदा को हराया था।

लोकसभा में उनके चुने जाने के बाद रामपुर विधानसभा सीट खाली हुई है, लेकिन आजम खान इधर लगातार मुकदमे में फंसे हैं। उन पर जमीन चोरी से लेकर बकरी चोरी और बिजली चोरी समेत 70 मुकदमें हैं। उनका पूरा परिवार इस वक्त मुकदमें के डर से घर में मौजूद नहीं है। सपा नेतृत्व ने कोई जोखिम नहीं लेते हुए उनकी पत्नी तंजीम फातिमा को मैदान में उतार दिया है, जो राज्यसभा की सदस्य हैं। उनका कार्यकाल 2020 तक है। अगर वो चुनाव जीतती हैं तो उन्हें राज्यसभा की सीट खाली करनी होगी जो तय है कि बीजेपी के पास ही जाएगी।

रामपुर से सपा का प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर बहुत पहले से अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। बसपा और कांग्रेस ने यहां से मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं, इसलिए माना जा रहा था कि सपा किसी हिंदू को प्रत्याशी बना सकती है ताकि मुस्लिम वोट के बंटवारे का फायदा उसे मिल सके। रामपुर में आजम के समर्थक भी किसी हिंदू को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में थे। सपा के प्रत्याशी पर पार्टी के भीतर और बाहर भी सबकी निगाहें लगी थीं। इस सीट के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व कन्नौज की पूर्व सांसद डिंपल यादव और चचेरे भाई व बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के नाम भी चर्चा में थे।

वहीं सपा नेतृत्व आजम के परिवार के किसी सदस्य को ही प्रत्याशी बनाए जाने का पक्षधर था। इस आधार पर कि मुकदमों में फंसे आजम के इस मुस्लिम बहुल गढ़ में उनके पारिवारिक सदस्य को उम्मीदवार बनाए जाने पर मतदाताओं की सहानुभूति उसके पक्ष में उमड़ेगी। सपा किसी भी हालत में रामपुर सीट खोना नहीं चाहती इसलिए उसने आजम खान के परिवार पर ही दांव खेला है।

Deepika Rajput