आयुष्मान भारत योजना में इंश्योरेंस की जगह अब एश्योरेंस फार्मूलाः सिद्धार्थनाथ सिंह

punjabkesari.in Tuesday, Sep 04, 2018 - 06:31 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को इलाज के लिये पांच लाख रूपये के इंश्योरेंस के बजाय एश्यारेंस फार्मूला देने का फैसला किया है।  राज्य सरकार की एजेंसी सांची योजना के लाभार्थियों के दावों का निपटारा करेगी। 

मुख्य सचिव की अगुवाई में 13 सदस्यीय दल प्रक्रिया पर निगाह रखेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।  सरकार ने अब उन किसानों को जमीन का मुआवजा देने का फैसला लिया है जिनके खेत पर ऊर्जा विभाग पारेषण लाइन के टावर खड़े करेगा। इससे पहले किसानों को टावर के कारण क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा दिया जाता था। 

इस फैसले के बाद किसान टावर के कारण कृषि उत्पाद को हुए नुकसान के मुआवजे के साथ साथ खेत के जिस हिस्से पर टावर खड़ा किया जायेगा, उस क्षेत्रफल के 85 फीसदी हिस्से का सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा भी दिया जायेगा। इस निर्णय से पारेषण लाइन की कीमत में दो प्रतिशत की बढोत्तरी होगी।  राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि आयुष्मान भारत योजना का ट्रायल आज से राजधानी के बलरामपुर अस्पताल से शुरू होगा जो 13 सितंबर तक चलेगा। योजना 25 सितंबर से देश भर में लागू हो जायेगी। 

इंश्योरेंस को एश्योरेंस में तब्दील करने का फायदा लाभार्थियों को मिलेगा क्योंकि ट्रस्ट दावों में आने वाली परेशानियों को कम करना तय करेगा। सिंह ने कहा कि लाभार्थियों की मदद के लिए अस्पतालों में आयुष्मान मित्र नियुक्त किए जाएंगे। इन आयुष्मान मित्रों को पांच हजार रूपए प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक दावे पर उन्हे 50 रूपये दिये जाएंगे। आयुष्मान भारत योजना के लिये करीब एक हजार अस्पताल पंजीकृत किये गये है। योजना के लिये सरकार पहले ही 440 करोड रूपये मंजूर कर चुकी है। राज्य में योजना के क्रियान्वयन के लिये निर्धारित एक हजार करोड़ रूपये में से राज्य सरकार की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। 

उन्होंने बताया कि वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच की सडक को चौडा करने के लिये 24 सेवादारों को स्थानांतरित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिये 14 करोड 55 लाख रूपये का प्रावधान रखा गया है। इस रकम से सेवादारों को अन्यंत्र स्थानों पर शिफट किया जायेगा। सिंह ने बताया कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दो टोल प्लाजा, 15 रैंप प्लाजा, पांच एंबुलेंस और 10 पुलिस पेट्रोलिंग वाहनो के संचालन के लिए एजेंसी का चयन किया जायेगा। इसमें सरकार का कोई पैसा खर्च नहीं होगा बल्कि राजस्व में 222 करोड़ रूपये जुटेंगे और इससे 1000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने बुलंदशहर,रायबरेली,हरदोई और मेरठ स्थित चार मेगा उद्योगों के लिये 125 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इन इकाइयों में उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। 

Ruby