माघ मेले में श्रद्धालुओं को स्नान व आचमन के लिए मिलेगा स्वच्छ गंगा जल

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 11:58 AM (IST)

वाराणसीः एक समय था जब हर-हर गंगे का उदघोष कर श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा लेते थे। मगर बढ़ते प्रदुषण ने गंगा में स्नान को जटिल बना दिया है। ऐसे में माघ मेले को लेकर अच्छी खबर आई है। इस बार माघ मेले के सभी स्नानों व आचमन के लिए श्रद्धालुओं को स्वच्छ गंगा जल मिलेगा।

गंगा में तयशुदा मानकों से ऊपर चल रही है घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा
बता दें कि गंगा में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा तयशुदा मानकों से ऊपर चल रही है। गंगा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा कम हुई है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लिए गए नमूनों में अप स्ट्रीम नगवां क्षेत्र यानी जहां से गंगा काशी के घाटों में प्रवेश करती हैं। वहां DO करीब 9 के आसपास बना हुआ है। वहीं डाउन स्ट्रीम जहां गंगा काशी से आगे चलकर गाजीपुर और बलिया की ओर बढ़ती हैं, वहां करीब आठ से सवा आठ के बीच घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा है। काशी में सबसे बड़ी चुनौती डाउन स्ट्रीम को लेकर है। क्योंकि डाउन स्ट्रीम में राजघाट के आगे गंगा में वरुणा नदी का पानी मिलता है। गंगा में गंदगी वरुणा के रास्ते पहुंचती है। ऐसे में यहां भी घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा तयशुदा मानक 6.5 के ऊपर दर्ज हो रहा है।

बहाव के कारण कम हुई है प्रदूषकों की मात्रा
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि गंगा में पानी और बहाव के कारण प्रदूषकों की मात्रा कम हुई है वहीं गंगा में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा मानकों के करीब है। गंगा में पानी और बहाव के कारण प्रदूषकों की मात्रा कम हुई है। माघ मेले को लेकर गंगा के जल की रिपोर्ट रोजाना शासन को भेजी जा रही है।

गंगा में गिरने वाले 30 नालों में से 20 हो चुके हैं बंद
गंगा में शहर से गिरने वाले 30 नालों से करीब 350 एमएलडी पानी गंगा में गिर रहा था। लेकिन अब 20 नालों को बंद कर दिया गया है। अब छोटे 10 नाले बचे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि माघ मेले के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं को गंगा का साफ जल मिलेगा। जिसमे स्नान भी हो सके और आचमन भी।

Ajay kumar