अटल की माटी में छिपा है दीर्घायु का राज, 200 बुजुर्गों की उम्र 80 के पार

punjabkesari.in Sunday, Aug 19, 2018 - 04:07 PM (IST)

आगरा: जिस बटेश्वर की माटी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीति का शिखर पुरुष बनने का आशीर्वाद दिया, उसी बटेश्वर की माटी अपने गांव के लोगों को दीर्घायु होने का आशीष भी दे रही है। यहां करीब 200 बुजुर्गों की उम्र 80 के पार है।

तीर्थनगरी बटेश्वर में पले-बढ़े अटल जी 93 साल की उम्र में गुरुवार को दुनिया से रुखसत हो गए। उनके निधन का गम सबको है। जो उन्हें करीब से जानता था उसे भी और जिसने केवल नाम सुना था उसे भी। राजनीति के शिखर पुरुष बने अटल जी के बटेश्वर की एक और खासियत है, यहां की माटी दीर्घायु का आशीष देती है। विकास की रोशनी से अछूते बटेश्वर में रहने वाले महीपाल की उम्र करीब 80 साल हो रही है लेकिन, अभी भी पूरी तरह स्वस्थ हैं। खेत में फावड़ा चलाना हो या फिर कोई अन्य काम, वह जिम्मेदारी से खुद निर्वहन करते हैं। वह कहते हैं कि तीर्थनगरी की माटी में जो पला, वह दीर्घायु होता है।

यहां के रामकिशन भी जिंदगी के 8 दशक पार कर चुके हैं। अटल जी की तमाम यादें उनके जेहन में हैं। वह कहते हैं कि मैं अभी मन से खुद को जवान ही समझता हूं। रामस्नेही तो एक साल बाद 90 के हो जाएंगे। उनका शरीर कुछ कमजोर हो गया है, लेकिन वह कहते हैं अभी इतनी जल्दी जाने वाला नहीं हूं। ये यहां के मंदिरों का प्रताप है कि हम इतनी लंबी जिंदगी जी रहे हैं। सोबरन को अब आंखों से कम दिखता है, लेकिन जिंदगी के 9 दशक वह पूरे करने वाले हैं। वह कहते हैं कि बटेश्वर गांव की करीब 3000 की आबादी में अभी भी 80 से 90 साल के 200 लोग हैं। इनमें 70 फीसद पूरी तरह स्वस्थ हैं। वे कहते हैं कि यहां की माटी का ही प्रताप है कि अटल जी भी 93 साल तक जीवित रहे।

Anil Kapoor