1100 रुपए का सवाल: अतीक के अली अहमद को जेल में नकदी कौन पहुंचा रहा था? जांच में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 07:32 AM (IST)

Prayagraj News: नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक से 1100 रुपए नकद बरामद होने के बाद हड़कंप मच गया है। यह मामला जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, जेल डीआईजी राजेश श्रीवास्तव की रूटीन जांच के दौरान जब हाई सिक्योरिटी बैरक की तलाशी ली गई, तब अली अहमद के पास से ये नकद पैसे मिले। जेल के नियमों के मुताबिक कैदियों को नकदी रखने की अनुमति नहीं होती, बल्कि उन्हें अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए कूपन का इस्तेमाल करना होता है।
कैसे पहुंचा अली अहमद तक नकद?
सूत्रों के मुताबिक, अली अहमद से मिलने आए एक मुलाकाती ने उसे ये 1100 रुपए दिए थे ताकि वह जेल में कूपन खरीद सके। लेकिन अली ने पैसे कूपन खरीदने की बजाय अपने पास छुपा लिए। जेल नियम के अनुसार, कैदी एक बार में केवल 500 रुपए के कूपन ही खरीद सकता है। इसलिए यह सवाल उठता है कि आखिर इतनी नकदी अली अहमद तक कैसे पहुंची?
क्या हुई सुरक्षा में चूक?
अली अहमद उस वक्त जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद था, जहां बाहरी किसी भी व्यक्ति से मिलने की अनुमति नहीं थी। केवल उसका वकील ही सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में उससे मिल सकता था। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वकील ने ही अली को ये पैसे दिए? क्या वकील की तलाशी ली गई? जब वकील से मुलाकात हो रही थी, तो क्या सीसीटीवी से निगरानी हो रही थी? अगर वकील ने पैसे नहीं दिए, तो फिर अली से कौन मिला?
कार्रवाई और सस्पेंस
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने नैनी जेल की डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डर संजय द्विवेदी को तुरंत सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही डीआईजी ने जेलर, डिप्टी जेलर और अन्य कर्मियों की भूमिका की भी जांच के आदेश दे दिए हैं।
अब सवाल ये भी हैं:-
- क्या नैनी सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था में कहीं कोई बड़ी चूक हुई है?
- क्या जेल के अंदर कोई अधिकारी अली अहमद की मदद कर रहा था?
- इस पूरे मामले में कौन जिम्मेदार होगा?