यूपी PCS परीक्षा में प्रतापगढ़ के अतुल सिंह ने किया टॉप, उन्नाव की सौम्या मिश्रा को मिला दूसरा स्थान; CM योगी ने दी सफल अभ्यर्थियों को बधाई

punjabkesari.in Thursday, Oct 20, 2022 - 12:58 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) 2021 का परिणाम बुधवार को घोषित कर दिया गया। प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा के आयोग द्वारा घोषित परिणाम में प्रतापगढ़ के मान्धाता स्थित राजगढ़ गांव के निवासी अतुल कुमार सिंह ने पहला स्थान प्राप्त किया है। इस परीक्षा में उन्नाव की सौम्या मिश्रा दूसरे और अमनदीप तीसरे स्थान पर रहे। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परीक्षा में सफल हुए सभी युवाओं और उनके मार्गदर्शक माता-पिता व शिक्षकगणों को बधाई दी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी संदेश में उन्होंने विश्वास जताया है कि राज्य सिविल सेवा के विभिन्न पदों के लिए चयनित अभ्यर्थी, समर्पित सेवा भाव के साथ ‘नए उत्तर प्रदेश' के निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा साल 2021 में 678 पदों के लिए करायी गयी पीसीएस परीक्षा में 627 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। पीसीएस 2021 का परीक्षा परिणाम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट यूपीपीसीएस डॉट यूपी डॉट एनआईसी डॉट इन पर देखा जा सकता है।       

आयोग ने गत 12 जुलाई को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया था। इसमें सिविल सेवा के 623 पदों के सापेक्ष 1285 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। गत 21 जुलाई से 05 अगस्त के बीच हुए साक्षात्कार में उपजिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक सहित 29 विभागों के 678 रिक्तियों के लिये 1285 अभ्यर्थियों में से 1260 उपस्थित हुए थे।

ये रही Top-10 लिस्ट:-
1.अतुल कुमार सिंह, प्रतापगढ़
2.सौम्या मिश्रा, उन्नाव
3.अमनदीप, प्रतापगढ़
4.निशांत उपाध्याय, जौनपुर
5.चंद्रकांत बागोरिया, रुद्रपुर
6.प्रवीण कुमार द्विवेदी, फतेहपुर
7.शशि शेखर, नई दिल्ली
8.विवेक कुमार सिंह, प्रयागराज
9.अमित सिंह, लखीमपुर खीरी
10.मलाइका नैन, देहरादून      

उल्लेखनीय है कि हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पीसीएस की भर्ती प्रक्रिया में पूर्व सैनिकों को 05 फीसदी आरक्षण ना देने पर प्रारंभिक परीक्षा परिमाण को रद्द घोषित कर दिया था। जिसके बाद लोक सेवा आयोग ने एकल पीठ के इस आदेश को अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की मौजूदगी वाली दो जजों की पीठ ने पूर्व सैनिकों को आरक्षण न देने के कारण प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम निरस्त करने संबंधी एकल पीठ के आदेश को सही नहीं माना। अदालत के फैसले के बाद ही आयोग ने परीक्षा परिणाम घोषित किया।

 

Content Writer

Mamta Yadav