ज्ञानवापी: अवमानना के आरोप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने डीएम को भेजी नोटिस

punjabkesari.in Tuesday, Jun 07, 2022 - 07:25 PM (IST)

वाराणसी: ज्ञानवापी में प्राप्त शिवलिंग की पूजा आराधना करने से रोके जाने के बाद अन्न जल त्याग तपस्या कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करके जिला प्रशासन उन्हें लगातार गुमराह कर रहा है। जिला प्रशासन जो भी कर रहा है वह सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। मैंने बनारस के जिला अधिकारी को नोटिस भेजी है जिसमें यह पूछा है कि किस अदालत के किस आदेश के आधार पर उन्होंने मुझे मेरे ही मठ में कैद कर रखा है।

केदारघाट स्थित श्री विद्या मठ में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना के आरोप में जिलाधिकारी वाराणसी को नोटिस भेज रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि जिस प्रकार उन्होंने पूर्व में मेरे पत्रों के उत्तर जिलाधिकारी से मिला है उसी प्रकार इस नोटिस का जवाब भी समय से मिल जाएगा। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर नोटिस का जवाब जिलाधिकारी ने नहीं दिया तो मैं अवमानना का केस दायर करूंगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि 16 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश वाराणसी के जिलाधिकारी को दिया है उसमें ‘ड्यूली प्रोटेक्ट और  ‘एप्रोप्रियेट अरेंजमेंट जैसे शब्दों का उल्लेख है। इसका अभिप्राय है कि जो शिवलिंग प्राप्त हुआ है उसकी विधिवत देखभाल और धार्मिक दृष्टिकोण से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इस प्रकरण में जितने भी पक्षकार हैं उनसे वार्ता करके जिलाधिकारी दोनों पक्षों के धार्मिक क्रियाकलापों को किया जाना सुनिश्चित करें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट जिलाधिकारी ने सभी पक्षकारों से बातचीत करने के बजाय सिर्फ मुस्लिम पक्षकारों से बातचीत की। वजूखाने और नमाज की व्यवस्था कर दी गई किंतु शिवलिंग की राजभोग पूजा श्रृंगार के निमित्त कोई भी व्यवस्था नहीं की गई। 


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Imran

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