Ayodhya Case: दुष्कर्म पीड़िता के इलाज के लिए लगाई गई विशेषज्ञों की टीम, शरीर में खून की कमी के चलते दिया जा रहा ये आहार

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2024 - 12:12 PM (IST)

Ayodhya Gangrape Case: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में गैंगरेप शिकार हुई पीड़िता गर्भपात के बाद अयोध्या वापस लौट आई थी और शारीरिक कमजोरी के कारण उसे सरकारी अस्पताल में पुनः भर्ती किया गया है। पीड़िता को बेहतर इलाज देने के लिए चिकित्सकों की विशेष टीम विशेष रूप से लगाई गई है। पीड़िता को अभी शारीरिक कमजोरी है और उसके शरीर में खून की कमी है। खून की कमी को देखते हुए उसके खानपान का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। उसे अस्पताल के मेन्यू के अलावा बाहर की भी पौष्टिक आहार खिलाने की छूट दी गई है।

पीड़िता के इलाज और खानपान का रखा जा रहा ख्याल
बता दें कि पीड़िता का गर्भपात व बेहतर इलाज के लिए पांच अगस्त को केजीएमयू शिफ्ट किया गया था। वहां गर्भपात के बाद हालत में कुछ सुधार होने पर शुक्रवार की देर शाम जिला महिला अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया है। यहां चौथे तल पर स्थित प्राइवेट वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच उसे भर्ती किया गया है। साथ ही उसके इलाज व खानपान का खास ख्याल रखा जा रहा है। प्रत्येक शिफ्ट में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात की गई है। वहीं, फिजिशियन, जनरल सर्जन से भी ऑनकॉल परामर्श लिया जा रहा है। देखभाल के लिए दो-दो स्टाफ नर्स, वार्डब्वॉय, स्वीपर लगाए गए हैं। प्रशासनिक कार्योँ से फुर्सत मिलते ही सीएमएस खुद मरीज के पास पहुंचकर बीच-बीच में हालचाल ले रही हैं। शनिवार की सुबह दूध, ब्रेड और दलिया दिया गया। बाद में दाल दी गई। दोपहर में तहरी, रोटी, सलाद दिया गया। बीच-बीच में फल व अन्य पौष्टिक आहार भी दिए जा रहे हैं। पीड़िता का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है।

सीएम योगी ने लिया था घटना का संज्ञान
गत 29 जुलाई को किशोरी के स्वजन ने पूराकलंदर थाना में बेटी के साथ दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। किशोरी के गर्भवती होने के बाद स्वजन को इसका पता चला। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया था कि इस मामले में आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। साथ ही पीड़िता का बेहतर तरीके से इलाज भी कराया जाएगा। स्वजन की अनुमति के बाद लखनऊ में दो दिन पूर्व उसका गर्भ समापन कराया गया है। शुक्रवार को वह अपने गृह जिले में वापस लौटी है। फिलहाल, इस मामले में भदरसा के सपा नगर अध्यक्ष मोईद खान और उसके सहयोगी राजू को आरोपी बनाया गया है। दोनों अभी जेल में है।

पीड़िता को उपलब्ध कराई जाएगी विधिक सहायता
किशोरी को न्याय दिलाने के लिए बाल कल्याण समिति उसे निशुल्क विधिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में किशोरी की आयु 22 वर्ष पूर्ण होने तक 2500 रुपये प्रति माह जबकि स्पांसरशिप योजना में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक हर माह चार हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी।  
 


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Content Editor

Pooja Gill

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