अयोध्या: भूमि पूजन को वामदलों ने बताया SC के आदेश और संविधान के विरूद्ध

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 09:09 AM (IST)

नयी दिल्ली/ अयोध्याः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि अयोध्या में भव्य राममंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने जा रहा ‘भूमि पूजन' इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरूद्ध है और यह संविधान की भावना का भी उल्लंघन करता है।

अलग-अलग बयानों में दोनों दलों ने कहा कि इस विवाद का निस्तारण उच्चतम न्यायालय के आदेश से हुआ, जिसने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने की निंदा की लेकिन पांच अगस्त के कार्यक्रम में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की भागीदारी इस विध्वंस को ‘सही ठहरा' सकती है।

माकपा ने बयान में कहा कि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला दिया था और एक न्यास के माध्यम से निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। उसने कहा कि अयोध्या में ‘भूमि पूजन' अनुष्ठान का केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने हाथों में लिया जाना और इन सभी चीजों में प्रधानमंत्री तक के उच्चतम स्तर पर भागीदारी उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरूद्ध है और यह संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है।

उसने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद को ढहाये जाने को आपराधिक कृत्य करार दिया गया है। बयान में कहा गया, ‘‘गुनहगारों को दंडित करने के बजाय, केंद्र/ राज्य सरकारों को उसमें शामिल होकर इस विध्वंस को सही नहीं ठहराना चाहिए।

भाकपा ने कहा कि संविधान स्पष्ट करता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और उसे सभी धर्मों एवं पंथों के प्रति तटस्थ रहना चाहिए। उसने कहा, ‘‘उसे उनमें से किसी एक के साथ अपनी पहचान नहीं बनानी चाहिए। ‘भूमि पूजन‘ उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की भागीदारी के साथ पूरा सरकारी कार्यक्रम बन गया है।


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Author

Moulshree Tripathi

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