Ayodhya News: एसोचैम जेम की अगुवाई में तैयार होगा Ram Mandir के निर्माण का वैज्ञानिक दस्तावेज, महान इतिहास का बनेगा साक्ष्य

punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 10:36 AM (IST)

अयोध्याः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण (construction) का कार्य तेजी से चल रहा है। जहां पर मंदिर के निर्माण के दौरान हर छोटी-छोटी चीज का ध्यान रखा जाएगा और हर बारीकी को कमलबंद कर एक वैज्ञानिक दस्तावेज (scientific papers) तैयार किया जाएगा। दस्तावेज तैयार करने के काम को अंजाम देश के प्रमुख आर्किटेक्ट एसोचैम जेम (Architect Assocham Gem) की अगुआई में दिया जाएगा। यह दस्तावेज प्रकृति के इस विशाल निर्माण कार्य का एक साक्ष्य (evidence) होगा जो भविष्य में देखा जा सकेगा। इस कार्य के लिए प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे मंजूरी मिल गई है।



बता दें कि राम मंदिर का निर्माण तेजी से पूरा करने में संस्थाएं जुटी हुई है। कोशिश की जा रही है कि दिसंबर 2023 के पहले ही मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा कर लिया जाए। इसके साथ ही मंदिर निर्माण कार्य की हर बारीकी को कलम बंद कर उसका वैज्ञानिक दस्तावेज तैयार किया जाएंगा।

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इसके लिए एसोचैम के इंटरनेशनल सस्टेनेबिलिटी कांक्लेव एंड एक्सपो (International Sustainability Conclave & Expo) 2023 में एक तकनीकी सत्र (technical session) के दौरान जेम की ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (Green Building Council) के चेयरमैन और देश के प्रमुख आर्किटेक्ट पंकज धरकर (Architect Pankaj Dharkar) ने इसके लिए प्रस्ताव रखा। इस दौरान अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) के वीसी विशाल सिंह (VC Vishal Singh) और यूपी सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह भी मौजूद थे।



मंदिर निर्माण का दस्तावेज एक महान इतिहास की तरह होगा- पंकज धरकर
देश के प्रमुख आर्किटेक्ट पंकज धरकर ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक क्षण है। इस मंदिर परिसर का निर्माण भी पूरी भव्यता और खास आर्किटेक्चर के साथ हो रहा है।

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ऐसे में जरूरी है कि निर्माण के दौरान हर छोटी गतिविधि और प्रक्रिया का वैज्ञानिक दस्तावेज तैयार हो जोकि आर्किटेक्चर और इंजीनियिरिंग के संदर्भ से भी प्रमुख संदर्भ बने। हमें समझना होगा कि आने वाली पीढ़ी के लिए यह दस्तावेज एक महान इतिहास की तरह होगा। इसके लिए विशेषज्ञों का एक पैनल बने। यह विशेषज्ञों का पैनल ही इस दस्तावेज को तैयार कराए।



इस प्रस्ताव को वीसी विशाल सिंह ने दी सहमति  
पंकज धरकर का रखे गए प्रस्ताव को अयोध्या विकास प्राधिकरण के वीसी विशाल सिंह ने उसी समय अपनी सहमति दे दी। उनका कहना है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) बनने के समय भी सहभागिता करने का मौका मिला। कॉरिडोर के तैयार होने के बाद मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि इसके पूरे निर्माण के दौरान हर चरण का दस्तावेज बनना चाहिए था। इसमें निर्माण की प्रकृति, इसकी विशालता, आर्किटेक्चर को शामिल किया जाता। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में अगर ऐसा होता है तो इससे श्रेष्ठ कुछ नहीं हो सकता है। आर्किटेक्ट इसके लिए आगे आएं। सभी जरूरी सहूलियत और जानकारी समय पर उनको उपलब्ध करा दी जाएंगीं।

 

Content Editor

Pooja Gill