अयोध्या का दीपोत्सव इस बार होगा बेहद खास, फैसले को लेकर लोगों में दूना उत्साह

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 11:27 AM (IST)

अयोध्या: जहां एक तरफ श्री राम के लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस आने की खुशी है, वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने की अटकलों के बीच इस बार के दीपोत्सव को लेकर लोगों में दूना उत्साह है। एक तरफ अवध विश्वविद्यालय राम की पौड़ी सहित प्रमुख मंदिरों में दीप जलाकर अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में जुटा है, तो वहीं दूसरी तरफ संस्कृति विभाग ने भी कमर कस ली है। लिहाजा यह माना जा रहा है कि इस बार का दीपोत्सव बहुत भव्य होने वाला है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विदेशी मेहमान भी श्री राम का स्वागत कर राज्याभिषेक करेंगे-
अयोध्या में दीपोत्सव में राम की पौड़ी सहित प्रमुख मंदिरों में दीप जलाए जाएंगे। वहीं संस्कृत विभाग भी राम की पौड़ी के सभी बुर्जों पर हजार दीपक जलाएगा, जिसमे एक साथ 5001 दीपक होंगे। इस वर्ष  अलग-अलग कई कार्यक्रम रखे गए हैं। जिसमें गुप्तार घाट और राम कथा पार्क में तीन दिनों तक रामलीला का मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख है। इस वर्ष दीपोत्सव में पांच विदेशी रामलीला मंडली और पूरे भारत की स्वदेशी 10 मंडली रामलीला का मंचन करेगी, जो आकर्षण का केंद्र होगा। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी रामचरितमानस पर आधारित 11 झांकियां साकेत महाविद्यालय से निकलकर राम कथा पार्क तक पहुंचेगी। इस दौरान करीब 30 फोक डांस की मंडलिया भी बीच-बीच में अपनी कला से दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करती रहेंगी। इसी बीच त्रेता युग के तर्ज पर आकाश मार्ग से राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के स्वरूप राम कथा पार्क पहुंचेंगे, ठीक उसी तरह जैसे त्रेता युग में श्री राम पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे थे। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विदेशी मेहमान उनका स्वागत करेंगे और राज्याभिषेक करेंगे।
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अयोध्या में रामलला का दर्शन हुआ तो मंदिर भी यहीं बनना चाहिए: राम भक्त
एक तरफ दीपोत्सव करीब आ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर मामले में फैसले की अटकलें भी तेज हो गई है। लिहाजा राम भक्त हो या फिर उससे जुड़े लोग, सभी इस बार दूने उत्साह से दीपोत्सव मनाने की तैयारी में हैं। राम भक्तों का साफ दावा है कि अयोध्या में रामलला का दर्शन हुआ तो मंदिर भी यहीं बनना चाहिए। जो माननीय न्यायालय को भी मालूम है और फैसला राम मन्दिर के ही पक्ष में आएगा। इसी दोहरी खुशी के चलते इस बार विश्व हिंदू परिषद और साधु संत विवादित परिसर के गर्भगृह में रामलला के साथ दीपोत्सव मनाने की इच्छा रखते हैं, जिसके लिए विवादित परिसर के रिसीवर कमिश्नर मनोज मिश्रा से मिलकर मांग करेंगे। यदि परमिशन मिलता है तो गर्भगृह में भी दीपउत्सव मनाया जाएगा।
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संतों ने रामजन्मभूमि पर दिया जलाने की मांगी अनुमति 
इस दीपावली को खास बनाने में अयोध्या के साधु-संत भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं। संतों ने भी दीपोत्सव पर रामजन्मभूमि पर दिया जलाने की अनुमति प्रशासन से मांगी है। 


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Ajay kumar

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