आयुष विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने मिलाया हाथ: आयुर्वेद और आयुष का हब बनेगा गोरखपुर

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2022 - 10:26 PM (IST)

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर आयुष और आयुर्वेद का हब बनने की दिशा में गुरुवार को एक कदम और आगे बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आयुर्वेद समेत समूचे आयुष पद्धति को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के समानांतर खड़ा करने के मजबूत प्रयास के तहत महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के बीच कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एमओयू हस्ताक्षरित व हस्तांतरित हुआ। इस करार के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय आयुर्वेद के सभी क्षेत्रों में शोध की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश को औषधीय खेती का बड़ा केंद्र बनाएंगे।       

गुरुवार को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी के बीच एमओयू का आदान प्रदान हुआ। इसके पहले महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रदीप राव व आयुष विश्वविद्यालय के कुलसचिव राधेश्याम बहादुर सिंह ने एमओयू हस्ताक्षरित किए। एमओयू के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय मिलकर गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद समेत आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति जनजागरण का अभियान चलाएंगे और साथ ही आयुर्वेद के क्षेत्र में हर उस संभावना पर ध्यान दिया जाएगा जिस पर शोध व अनुसंधान से समाज को हानिरहित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सके। दोनों विश्वविद्यालयों ने औषधीय खेती को बढ़ावा देने के प्रति भी साझी प्रतिबद्धता दर्शायी।       

इस अवसर पर आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह ने कहा कि आज हुए करार से गोरखपुर को केंद्र में रखकर पूर्वी उत्तर प्रदेश आयुर्वेद और आयुष का हब बनाने की तैयारी पहले से सुद्दढ़ हुई है। आयुर्वेद की समृद्धि से औषधीय खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। औषधीय खेती किसानों की आय को विस्तारित करेगी। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने कहा कि आज हस्ताक्षरित और हस्तांतरित हुआ एमओयू आयुर्वेद को मॉडर्न मेडिसिन के समानांतर खड़ा करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

 


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Content Writer

Mamta Yadav

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