बाबूपुरवा हिंसाः छात्र के कंधे पर लगी थी गोली, डॉक्टरों ने बिना निकाले घाव की सफाई कर लगा दिए टांके

punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2020 - 05:34 PM (IST)

कानपुरः कानपुर के हैलट अस्पताल से अजब इलाज की गजब कहानी सामने आई है। जहां हिंसा में घायल 20 वर्षीय छात्र को गोली लगी थी और उसका इलाज हैलट अस्पताल में चल रहा था। जहां डॉक्टरों ने घाव की सफाई करके टांके लगा दिए लेकिन गोली नहीं निकाली थी।

बता दें कि मामला जिले के बाबूपुरवा थानाक्षेत्र का है। सिराज अहमद का बेटा शाम मोहम्मद BA प्रथम वर्ष का छात्र है। 20 दिसंबर को बाबूपुरवा में CAA-NRC के विरोध में हिंसा भड़क गई थी। जहां हिंसा में छात्र को गोली लग गई थी। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी छात्र का हाथ काम नहीं कर रहा था। पीड़ित ने दोबारा हैलट में खुद को दिखाया तब डॉक्टर ने दोबारा सीटी स्केन और एक्सरे कराने को कहा। जब छात्र ने सीटी स्केन कराया तो चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई। छात्र के बाएं कंधे पर बुलेट फंसी हुई है।

पीड़ित शान मोहम्मद ने बताया कि बीते 20 दिसंबर 2019 को जुमे की नमाज पढ़कर कब्रिस्तान गया था। जब मैं वापस लौट रहा था तो उस रोड पर भगदड़ मची हुई थी। रास्ते में बाबूपुरवा पुलिस ने मुझे गोली मार दी फिर हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर मेरा उपचार चल रहा था। बीते 24 फरवरी को मैं डॉक्टर के पास चेकअप के लिए गया था। उन्होंने सीटी स्केन के लिए लिखा था। जब मैं जांच कराया तो पता चला कि मेरे कंधे के लेफ्ट साइड में बुलेट फंसी हुई है। डॉक्टर ने बताया कि जब गोली लगी थी तो घाव की सफाई करके टांके लगा दिए थे, लेकिन गोली नहीं निकाली गई थी।

इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इसके साथ ही पुलिस पर पथराव हुआ था। इस हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई थी, वहीं लगभग 1 दर्जन लोग घायल हुए थे। वहीं शान शान मोहम्मद का आरोप है कि मुझे पुलिस की गोली लगी है, जब गोली निकाली जाएगी तो पता चलेगा कि वो बुलेट कहां की है।

 

 

 


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Ajay kumar

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