UP में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल, अस्पताल के बाहर महिला ने बच्चे को दिया जन्म

punjabkesari.in Sunday, Jan 12, 2020 - 11:18 AM (IST)

फतेहपुर: सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के हाल-बेहाल हैं। जिसका जीता-जागता उदाहरण जनपद फतेहपुर में देखने को मिला है। जहां डिस्टिक महिला अस्पताल के बाहर महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म देकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दिया है।

सड़क पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म देता देख पास खड़ी महिलाओं ने साड़ी और चद्दर से ढककर डिलीवरी कराई। जहां बच्चे की मौत हो गई। वहीं अस्पताल प्रशासन में बच्चे की मौत की खबर सुनते ही हड़कंप मच गया। परिजन महिला की डिलीवरी कराने के लिए डिस्टिक महिला अस्पताल पहुंचे थे। जहां डिलीवरी करने के बजाए अस्पताल प्रशासन पीड़ित महिला को भगा दिया। जिससे पीड़ित अपनी पत्नी को लेकर बाहर डिलीवरी कराने के लिए ले जा रहा था की तभी अस्पताल से बाहर महिला ने बच्चे को जन्म दिया जिससे बच्चे की मौत हो गई।

फतेहपुर जिले के डिस्टिक महिला अस्पताल के बाहर सड़क पर डिलीवरी करवाती हुई इन महिलाओ को देखिये जिसे महिला अस्पताल में तैनात डाक्टरों द्वारा कहीं बाहर डिलीवरी किये जाने की बात कहकर भगा दिया। वहीं पीड़ित महिला की सड़क पर डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर सुनते ही अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है।

मामला थरियांव थाना क्षेत्र का है। जहां बिजमा देवी के प्रसव का समय पूरा होने पर पीड़ा हुई तो पति राकेश और परिजन बिजमा को लेकर डिस्टिक महिला अस्पताल पहुंचे। जहां उसको भर्ती नहीं किया गया। बिजमा देवी प्रसव पीड़ा से तीन घंटे महिला जिला अस्पताल में तड़पती रही किसी ने उसकी सुध तक नहीं ली। जिससे उसके बच्चे की मौत हो गई।

वहीं पीड़िता के पति राकेश की माने तो पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए वह डिस्टिक अस्पताल आया जहां कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद पत्नी की पीड़ा को देखते हुए उसे प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर जाने लगे तभी अस्पताल के बहार सड़क पर पत्नी ने बच्चे को जन्म दे दिया जिससे बच्चे की मौत हो गई।

वहीं इस बारे में सीएमएस डॉ रेखा रानी ने बताया की डिलीवरी के लिए वह अस्पताल आ रहे थे की तभी गेट के बाहर महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। डिलीवरी के पहले गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई थी। पीड़ित की कोई इंट्री अस्पताल में नहीं है।

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पीड़ित महिला को समय से भर्ती ही नहीं किया गया तो अस्पताल उसकी इंट्री कहा से होगी। वहीं जांच की बात कहकर अस्पताल प्रशासन अपन्ना पल्ला झाड़ लेता है। लेकिन सड़क पर हुई डिलीवरी अस्पताल प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल रहा है| 

 

 

 

Ajay kumar