BJP सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान आत्महत्या करने को मजबूर: अखिलेश

punjabkesari.in Saturday, Jun 06, 2020 - 03:03 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश में किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। उन्होंने मुजफ्फरनगर के सिसौली में गन्ना आपूर्ति न होने पर किसान द्वारा आत्महत्या पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे किसान मजदूर पूरी तरह से लुट-पिट रहा रहें हैं। सरकार के सभी दावे हवा हवाई साबित हो रहे है। उन्होंने आत्महत्या करने वाले परिवार को एक लाख रूपए की मदद भी की है।

अखिलेश यादव ने सरकार से मांग की पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये सहायता दी जाए। प्रदेश के गन्ना मंत्री के विधानसभा क्षेत्र से सटे बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के सिसौली कस्बे में 55 वर्षीय किसान ओमपाल का गन्ना खतौली चीनी मिल ने लेने से मना कर दिया था। उसके 6 बच्चे हैं, घर की माली हालत खराब है। लॉकडाउन में दशा और बिगड़ी तो अवसाद में आकर उसने आत्महत्या कर ली।

तीन बीघा गन्ना खेत में खड़े होने से दुखी किसान ने की आत्म हत्या
ओमपाल का तीन बीघा गन्ना खेत में खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों का चीनी मिलों पर 20 हजार करोड़ रुपये बकाया है। किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में गन्ना लिए मिल गेट के बाहर लाइन में खड़े-रहने को मजबूर हैं। खेत में खड़े गन्ने को जलाने के अलावा किसान के पास दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि चीनी मिलें अपने क्रय केंद्र उखाड़ रही हैं। उन्होंने कहा, किसान अपनी बर्बादी की कहानी किससे कहें, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को केवल घोषणाएं करके जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। जिससे दुखी हो कर किसान ने आत्महत्या कर ली है।

आत्मनिर्भरता के नाम पर खुद चाहे जियो या मरो का पाठ पढ़ा रहे है
अखिलेश ने कहा, अभी दो दिन भी नहीं गुजरे, केंद्र-राज्य सरकारो ने किसानों के लिए एक देश- एक बाजार खोल दिया है। उन्होंने सवाल किया है कि अब किसान अपना गन्ना किस राज्य में लेकर जाएगा ? गेहूं लिए किसान मारा-मारा फिर रहा है। सरकार की अनदेखी से बिचौलिए औने-पौने दाम में उसकी फसल खरीद कर लूट रहे हैं। भाजपा सरकारें किसान को बहकाने के लिए नए-नए एलान करती है। मुख्यमंत्री जब अपने प्रदेश के किसानों को कुछ दे नहीं पा रहे हैं तो उसे दूसरे प्रदेश में ढकेल कर आत्मनिर्भरता के नाम पर खुद चाहे जियो या मरो का पाठ पढ़ा रहे है।

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Ramkesh