हवा में उड़ते नजर आएंगे बजरंग बली ! विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति होने का दावा

punjabkesari.in Friday, Dec 18, 2020 - 12:50 PM (IST)

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में पवन पुत्र हनुमान की एक ऐसी विशालकाय मूर्ति तैयार की गई है, जिसमे वह हवा में उड़ते हुए नजऱ आएंगे। मूर्ति की लम्बाई तकरीबन 35 फिट है। दावा किया जा रहा है कि हवा में उड़ती हुए स्वरुप में बजरंग बली की यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। इस अनूठी मूर्ति को प्रयागराज के रामबाग इलाके के हनुमान मंदिर की छत पर लगाया जाएगा। श्रद्धालु सामने के ओवर ब्रिज या फिर मंदिर की छत पर जाकर इस अनूठी मूर्ति का दर्शन कर सकेंगे और उसकी पूजा अर्चना कर पवन पुत्र से आरोग्यता का आशीर्वाद ले सकेंगे।

बता दें कि इस मर्ति की लम्बाई 35 फ़ीट लम्बी और 1200 किलो वजन की होगी। इस मूर्ति को प्रयागराज के झूंसी इलाके में इलाहाबाद म्यूजियम से जुड़े देश के नामी मूर्तिकार डॉ नगीना राम , सुभाष कुमार और  उनकी टीम ने तैयार किया है। मूर्ति को तैयार करने में तकरीबन 4 महीने का वक़्त लगा है। करीब दर्जन भर कारीगरों व मजदूरों ने छह महीने तक दिन -रात कड़ी मेहनत कर इसे तैयार किया है। फाइबर और मेटल को मिक्स कर तैयार की गई इस मूर्ति का वजन करीब बारह सौ किलों है। इसमें लोहे के एंगल व सरियों का भी भरपूर इस्तेमाल किया गया है, ताकि इसे मजबूती मिल सके। इसे अब बड़ी क्रेन के ज़रिये ट्रेलर पर लादकर मंदिर की छत तक पहुंचाया जाएगा। मूर्ति को हनुमान जयन्ती पर ही स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा किये जाने का कार्यक्रम था, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हो गई है। मंदिर में स्थापित होने से पहले ही हवा में उड़ते विशालकाय हनुमान जी की इस प्रतिमा के दर्शन के लिए रोज़ाना सैकड़ों की संख्या बजरंग बली के भक्त झूंसी इलाके में आते हैं।

गौरतलब है कि संगम नगरी प्रयागराज में पवन पुत्र हनुमान कई स्वरूपों में विराजमान हैं। कहीं वह बाल रूप में हैं तो कहीं ब्राह्मण रूप में। कहीं वह पंचमुखी स्वरुप में भक्तों को दर्शन देते हैं। श्रृंगवेरपुर में वह खड़े होकर अपना सीना चीरकर प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन कराते हैं संगम किनारे के मंदिर में वह आराम की मुद्रा में लेटी हुई अवस्था में पूजे जाते हैं। वहीं अब लोग उड़ते हुए हनुमान जी के भी दर्शन कर सकेंगे। इस स्वरुप में देश में चुनिंदा जगहों पर ही बजरंग बली की मूर्तियां लगी हैं। 

Ramkesh