लखनऊ चिड़ियाघर में बाल दिवस पर बच्चों के मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही बालट्रेन

punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2019 - 09:30 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में देश चिड़ियाघर के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की 130 वीं जयंती पर बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने बाल ट्रेन में सफर कर वन्य जीवों को देखा। प्राणि उद्यान के निदेशक आर के सिंह ने आज शाम यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल दिवस के उपलक्ष में 29 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने प्राणि उद्यान का भ्रमण किया गया। गुरुवार को 7488 दर्शकों ने यहां भ्रमण किया। यह बालरेल दर्शकों एवं नन्हें बच्चों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। बच्चों ने इस मौके पर चाचा नेहरु को याद किया। 

उन्होंने बताया कि 50 साल पहले आज ही के दिन बाल दिवस के मौके पर 14 नवम्बर, 1969 को लखनऊ प्राणि उद्यान में पहली बार चलाई गयी थी। इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत चन्द्रभान गुप्त द्वारा किया गया था। यह बाल रेल भारतीय रेलवे बोर्ड द्वारा प्राणि उद्यान को भेंट की गयी थी। उन्होंने बताया कि कुछ समय बाद भारतीय रेलवे बोडर् द्वारा एक बोगी प्राणि उद्यान को भेंट की गयी। आर के सिंह ने बताया कि दूसरी बालरेल 07 अक्टूबर, 2009 को चलाई गई। इस बालरेल का उद्घाटन तत्कालीन वन, जन्तु उद्यान एवं उद्यान मंत्री फतेह बहादुर सिंह द्वारा किया गया था।

इस बालरेल की बोगियों पर वन्यजीवों की कलाकृतियॉं छपी हुई थी जिसके कारण यह बालरेल दर्शकों एवं बच्चों द्वारा बहुत पसन्द की जाती थी। इस बालरेल की डिजाइन ''ब्रिटिष एरा'' के स्टीम लोकोमोटिव जैसी है। इस बालरेल में 01 इंजन के साथ 01 नई बोगी तथा 03 पुरानी बोगियों के साथ में संचालन किया गया था। इस बालरेल का संचालन 14 नवम्बर, 1969 से 27 फरवरी, 2014 तक किया गया। इस बालरेल का निर्माण मेसर्स सोवरिन एसोसिएट्स, टिकैतराय राजाजीपुरम, लखनऊ द्वारा किया गया था। 

उन्होंनेे बताया कि तृतीय बालरेल जो इस समय प्राणि उद्यान में प्रचलन में है, को लखनऊ प्राणि उद्यान का आधुनिकीकरण एवं पुरानी बालरेल के स्थान पर नई बाल रेल योजना के तहत 28 फरवरी, 2014 को चलायी गयी। इस बालरेल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किया गया था। इस बालरेल पर विभिन्न धारावाहिक एवं फिल्मों में काम करने वाले कलाकारों द्वारा शूटिंग एवं सेल्फी आदि ली जा चुकी है। इस बाल रेल में 01 इंजन एवं 04 बोगियां हैं जिसमें 84 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था है। श्री सिंह ने बताया कि इस बाल ट्रेन की सीटें आरामदायक हैं जिस पर बैठकर दर्शक/बच्चे प्राणि उद्यान की सैर करने का आनन्द उठा रहे हैं। इस बालरेल का निर्माण गुजरात के बलसाड में किया गया। बाल ट्रेन करीब डेढ़ किलोमीटर का सफर तय करती है ।   

Ajay kumar