खुले में मांस बिक्री पर रोक, दुकानदारों को नाम दिखाना अनिवार्य.... कांवड़ यात्रा से पहले CM योगी का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 02:47 PM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी कांवड़ यात्रा, मोहर्रम और रथयात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक अहम समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और मंडलायुक्तों को कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस की दुकानें रहेंगी बंद
सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए और माहौल बिगाड़ने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर दुकान पर दुकानदार का नाम साफ-साफ लिखा होना जरूरी होगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अफवाहों से बचाव हो सकेगा।
भेष बदलकर माहौल बिगाड़ने वालों पर नजर
सीएम योगी ने अधिकारियों को आगाह किया कि कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, इसलिए कुछ अराजक तत्व भेष बदलकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी प्रयास को तुरंत रोका जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए।
भड़काऊ नारों, हथियारों के प्रदर्शन पर रोक
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान कोई भी भड़काऊ नारा, हथियारों का प्रदर्शन या साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश को तुरंत कुचल दिया जाए। डीजे और ताजिया की ऊंचाई तय सीमा के भीतर रहे और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए डेसिबल लिमिट का सख्ती से पालन कराया जाए।
सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर नजर
सीएम योगी ने अफसरों से कहा कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली किसी भी अफवाह पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने श्रावण मास के दौरान मंदिरों की सफाई, भीड़ प्रबंधन, मेडिकल सुविधा और आपदा प्रबंधन के लिए विशेष टीमें बनाने के निर्देश भी दिए।
सरकारी मंत्री और विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस बयान पर यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि कांवड़ यात्रा एक हिंदू धार्मिक परंपरा है, और इसमें मांस की दुकानें बंद रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुकानदारों को नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा कि इस तरह के नियमों से गरीब दुकानदारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर नाम लिखने की व्यवस्था लागू होती है, तो यह सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए, किसी एक वर्ग को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।