सपा डेलिगेशन पर प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और प्रबंधन की नाकामी है: अखिलेश यादव
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 12:28 PM (IST)

Lucknow News: सपा प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने से पहले बड़ा एक्शन लिया गया है। शनिवार की सुबह उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के घरों के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए इसे सरकार की नाकामी बताया है।
अखिलेश ने साधा योगी सरकार पर निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ''प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।''
प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 30, 2024
भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ… pic.twitter.com/7ouboVnQu4
भाजपा हार चुकी हैः अखिलेश यादव
इससे आगे अखिलेश ने कहा ''भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।''
संभल जाना था सपा का डेलिगेशन
दरअसल, सपा के एक डेलिगेशन को संभल जिले में जाना था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने इन नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया। पुलिस की ओर से इन नेताओं को यह जानकारी दी गई कि संभल जिले में 10 दिसंबर तक प्रवेश पर रोक है। इसके लिए उन्हें संभल के जिलाधिकारी का एक पत्र भी दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पुलिस ने हमें संभल के डीएम का एक पत्र सौंपा है, जिसमें 10 दिसंबर तक संभल जिले में प्रवेश निषेध की बात कही गई है।" उन्होंने आगे कहा कि पुलिस का यह कदम पूरी तरह से अनुचित है और इस पर कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया गया है।