सेंट फ्रांसिस स्कूल में पगड़ी, कृपाण और कड़ा धारण करने पर लगाई रोक, सिख छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 04:02 PM (IST)

बरेलीः उत्तर प्रदेश के बरेली में ईसाई मिशनरी से संबंधित सेंट फ्रांसिस स्कूल में पड़ने वालों सिख छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। दरअसल, स्कूल द्वारा कुछ आदेश जारी किए गए, जिसमें कहा गया कि स्कूल में सब छात्रों की ड्रेस एक जैसी होनी चाहिए। जो बच्चे पगड़ी, कृपाण या कड़ा धारण करते वह इन्हें धारण कर स्कूल न आए। जब बच्चों के परिजनों को यह जानकारी मिली तो परिजनों ने बच्चों के साथ मिल कर विरोध कर दिया।

बता दें कि यह मामला बारादरी थाना क्षेत्र के सेंट फ्रांसिस स्कूल का है। यह स्कूल 12 वीं कक्षा तक है। बुधवार की सुबह जब प्रार्थना सभा हो रही थी तो उस  समय स्कूल की एक शिक्षक ने सभी बच्चों से एक जैसी ड्रेस पहन कर आने को कहा। शिक्षक ने कहा कि जो भी छात्र पगड़ी, कृपाण या कड़ा पहनकर आते हैं, वे भी कल से ऐसा करना बंद कर दे। और अगर किसी छात्र ने ऐसा न किया तो वो स्कूल से अपना नाम कटवा लें। शिक्षक के ऐसा बोलने पर उनके सामने कोई छात्र विरोध नहीं कर सका। लेकिन बच्चों ने अपने परिजनों को यह घटना की सारी जानकारी दी। जिसके बाद परिजनों ने अपने बच्चों के साथ स्कूल में विरोध प्रदर्शन कर दिया।

स्कूल ने की सिखों की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की कोशिश
बताया जा रहा है कि विरोध करने वाले छात्रों और उनके परिजनों का मानना है कि स्कूल प्रबंधन के इस फैसले से सिखों की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई है। उन लोगों का कहना है कि पहले ऐसी घटनाओं की खबरें सिर्फ विदेशों से ही आती थी। लेकिन अब तो यह हमारे देश में भी शुरु हो गया। उन्होंने कहा कि पगड़ी, कृपाण, कड़ा और दसतार पहनने पर रोक लगाना हमें चोट पहुंचाने के बराबर है, और हम ऐसा कभी होने नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री से की कार्रवाई की मांग
विरोध कर रहे छात्रों ने इस मामले में पूरी कार्रवाई करने की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। उनकी मांग है कि स्कूल प्रशासन अपने इस फरमान को वापस ले, और हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए मांफी मांगे। उनका कहना है कि अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई, तो हम लोग जिलाधिकारी से लेकर डीआईओएस तक इस घटना की शिकायत करेंगे और स्कूल की इन गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रखेगें जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता।
 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj