लॉकडाउन में दम तोड़ता बनारसी पान का कारोबार, प्रतिदिन 25-30 लाख का हो रहा नुकसान

punjabkesari.in Thursday, May 14, 2020 - 01:35 PM (IST)

वाराणसीः खईके पान बनारस वाला...खुल जाए बंद अक्ल का ताला…विश्व भर में प्रसिद्ध बनारसी पान आज कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन में दम तोड़ रहा है। पान कारोबार जगत को बनारस में प्रतिदिन 25-30 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। इससे लगभग 25 हजार कारोबियों के सामने जीवकोपार्जन का संकट खड़ा हो गया है।

लॉकडाउन में करोड़ों का हुआ नुकसान 
पान कारोबारियों की 1952 से बनाई गए संगठन श्री बरई सभा काशी के महामंत्री अंजनि चौरसिया ने बताया कि देश के अलग-अलग हिस्सों से हरा पान का पत्ता वाराणसी के चेतगंज स्थित पानदरीबा मंडी में आता है। जहां हिटिंग प्रक्रिया से गुजरकर हरे पत्तों को सफेद किया जाता है। लॉकडाउन की शुरूआत में ही हरे पान के बेकार पड़े रहने की वजह से 20 करोड़ तक का नुकसान पहले ही हो चुका है। साथ  ही प्रतिदिन 25-30 लाख के टर्नओवर का कारोबार रुक जाने से अलग से चपत लग गया है। हार्टिकल्चर में विशेष छूट की बावजूद पानदरीबा मंडी को बंद करना पान कारोबारियों के लिए बड़ा आघात हैं।

लाखों फुटकर दुकानदारों का जीविकोपार्जन हुआ मुश्किल
वहीं पान कारोबारी दीपक चौरसिया ने बताया कि पान के होलसेल कारोबार से लगभग 25 हजार व्यापारी जुड़े हैं और फुटकर दुकानदारों की संख्या लाखों में हैं। पुराने रखे पान सड़ चुके हैं लोगों का जीवकोपार्जन तक करना मुश्किल हो चुका है। जिला प्रशासन ने इसलिए रोक लगाया है कि पान को थूंकने से कोरोना फैल जाएगा।

पान में होते हैं कई औषधिय गुण
दीपक ने आगे बताया कि पान में कई औषधिय गुण होते हैं। पान न केवल एक वनस्पति या खाघ सामग्री है बल्कि एक संस्कार भी है। सनातनी परंपरा या शुभ कामों में पान के बगैर किसी भी काम के शुभारंभ की कल्पना भी नहीं की जा सकती है तो किसी भी मजहब वाले बनारसियों के लिए पान एक सत्कार का भी जरिया है। लॉकडाउन के 7 हफ्तों के बाद की स्थिति ये है कि देश के सभी कोनों और विदेश में भी पहुंच रखने वाला बनारसी पान की हालत इतनी खराब हो चुकी है अब ये वेंटिलेटर पर जा चुका है।

 

 

 

Author

Moulshree Tripathi