Loksabha Election 2019: एक नजर बांदा लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Sunday, May 05, 2019 - 11:23 AM (IST)

बुंदेलखंड की लोकसभा सीटों में से एक सीट है बांदा। यह लोकसभा सीट केन और यमुना नदी के बीच बसा हुआ है और इसके आस-पास काफी दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। साथ ही यह सीट मध्यप्रदेश से भी सटा हुआ है। इस शहर में 'शजर' के पत्थर पाए जाते हैं। इन पत्थरों का प्रयोग जेम्स के गहने बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही यहां इतिहास से जु़ड़ी कई रोचक जगहें भी मौजूद हैं। जिन्हे देखने के लिए दूर दूर से सैलानी आते हैं। जितना खूबसूरत इस शहर का इतिहास है। उतना ही खूबसूरत इस लोकसभा सीट का भी इतिहास है। 

यहां अब तक 15 बार लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं। पहली बार 1957 में यहां चुनाव हुए और राजा दिनेश सिंह सांसद चुने गए इसके बाद 1962 में राजा दिनेश की जगह सावित्री निगम कांग्रेस से सांसद बनी 1967 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई से जागेश्वर यहां से सांसद बने। 1971 के चुनाव में जनसंघ से राम रतन शर्मा ने चुनाव जीता।1977 के लोकसभा चुनाव में लोकदल के अंबिका प्रसाद यहां से सांसद बने, लेकिन 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और यहां रामनाथ दूबे सांसद बने। 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से ही भीष्मदेव दूबे चुनाव जीत कर संसद पहुंचे, लेकिन इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस कभी वापस नहीं आ पाई, लेकिन 1989 में सीपीआई दूसरी बार यहां जीत हासिल करने में कामयाब रही और राम सजीवन यहां से सांसद बने।

राम मंदिर के दौर में पहली बार यहां बीजेपी ने जीत का स्वाद चखा और 1991 में हुए चुनाव में प्रकाश नारायण यहां से जीत कर संसद पहुंचे, लेकिन इसके बाद ही 1996 के चुनाव मे सीपीआई से बसपा में गए राम सजीवन बसपा के टिकट पर चुनाव जीत गए। वहीं 1998 में यहां हुए चुनाव में बीजेपी के रमेश चंद द्विवेदी ने यहां बीजेपी की वापसी कराई, लेकिन अगले साल 1999 में हुए चुनाव में बसपा ने बीजेपी को मात दे दी और राम सजीवन सांसद बने। वहीं 2004 में समाजवादी पार्टी ने कारोबारी श्यामा चरण गुप्त को मैदान में उतारा और श्यामाचरण चुनाव जीत गए, लेकिन अगले ही चुनाव में सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया और 2009 के चुनाव में सपा से आरके पटेल चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। 2014 के मोदी लहर में बीजेपी के टिकट पर भैरो प्रसाद मिश्र यहां से सांसद चुने गए।

बांदा में पांच विधानसभा सीटें

बांदा लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें बाबेरु, नारैनी, बांदा, चित्रकूट और माणिकपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं। चित्रकूट और माणिकपुर सीटें चित्रकूट जिले में आती हैं। बाकी सीटें बांदा जिले में आती हैं।

 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की। सपा, बसपा औऱ कांग्रेस को यहां सफलता नहीं मिल पाई।

एक नजर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बांदा सीट पर कुल 16 लाख 82 हज़ार 151 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 16 हज़ार 881 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 65 हज़ार 173 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 97 है।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भैरो प्रसाद मिश्रा ने चुनाव जीता। भैरो प्रसाद मिश्र को कुल 3 लाख 42 हज़ार 66 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के आर.के पटेल रहे। आर.के. पटेल को कुल 2 लाख 26 हज़ार 278 वोट मिले। तीसरे नंबर पर सपा प्रत्याशी बाल कुमार पटेल रहे। बालकुमार को कुल 1 लाख 89 हज़ार 730 वोट मिले।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी आर.के. पटेल यहां से जीत कर संसद पहुंचे थे। आर.के. पटेल को 2 लाख 40 हज़ार 948 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के भैरो प्रसाद मिश्रा रहे। भैरो प्रसाद मिश्रा को कुल 2 लाख 6 हज़ार 355 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के अमित वाजपेयी रहे। अमित को कुल 85 हज़ार 587 वोट मिले।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा से श्यामा चरण गुप्ता ने चुनाव लड़ा औऱ जीत गए। श्यामा चरण गुप्ता को कुल 1 लाख 85 हज़ार 99 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के राम सजीवन रहे। राम सजीवन को कुल 1 लाख 28 हज़ार 795 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के भैरो प्रसाद मिश्र रहे। भैरो प्रसाद मिश्र को कुल 1 लाख 22 हज़ार 405 वोट मिले।

 





 

Tamanna Bhardwaj